Indira ekadashi 2024: पितरों की मुक्ति के लिए बेहद खास है इंदिरा एकादशी, इन उपायों से तर जाते हैं 7 पीढ़ियों के पितर
punjabkesari.in Saturday, Sep 28, 2024 - 07:54 AM (IST)
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Indira ekadashi 2024: ज्योतिषियों के अनुसार, पितरों की मुक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ व्रत इंदिरा एकादशी है। इंदिरा एकादशी का व्रत करने से पितर देव प्रसन्न तो होते ही हैं साथ ही मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। ये एकादशी पितृपक्ष के दौरान पड़ती है। इस बार ये शुभ तिथि 28 सितंबर दिन शनिवार को है। पितृपक्ष में आने वाली इंदिरा एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है, इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से पितर भी तृप्त हो जाते हैं। साथ ही पितरों के नाम पर किए गए दान से उनको मोक्ष प्राप्त होता है और व्रत करने वाले को बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में पितृपक्ष में आने वाली एकादशी का महत्व बताते हुए कुछ विशेष उपाय भी बताए गए हैं। इन उपायों के करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है, साथ ही आपकी 07 पीढ़ियों तक के पितर तर जाते हैं तो आईए जानते हैं कौन से हैं वो उपाय...
शास्त्रों के अनुसार इंदिरा एकादशी पर पितरों के निमित्त दक्षिण दिशा में दीपक जलाने से पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
अगले उपाय के तौर पर इस दिन एक काले कपड़े में एक मुट्ठी दाल काले तिल बांधकर उन्हें घर की दक्षिण दिशा में रख दें और अगले दिन यानि द्वादशी तिथि के दिन किसी गाय को खिला दें। इस उपाय को करने से भी पितृ प्रसन्न होते हैं।
पीपल के पेड़ में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है। ऐसे में इंदिरा एकादशी पर पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जरूर जलाएं और पीपल की 11 बार परिक्रमा करें। इसी के साथ आप वृक्ष के नीचे बैठकर विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का भी पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से पितरों की दया दृष्टि आपके और परिवार के ऊपर बनी रहती है।
पितरों की कृपा प्राप्ति के लिए इंदिरा एकादशी पर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और साधक के सभी कार्य बनने लगते हैं। इसी के साथ पितृ पक्ष की एकादशी पर जरूरतमंदों और गरीबों में घी, दूध, दही और चावल का दान करें। इससे आपको पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
पितृपक्ष की एकादशी के दिन तुलसी पूजा अवश्य करनी चाहिए। पितरों को याद करते हुए 11 घी के दीपक से तुलसी पूजा करें। इसके बाद तुलसी के पास बैठकर ही इंदिरा एकादशी की व्रत कथा सुनें या पढ़ें। इसके बाद शाम के समय घर के मेन गेट के दोनों ओर दीपक रखें। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और हर प्रकार का संकट टल जाता है।