हरियाली तीजः यहां जानें, इसके पीछे का पौराणिक महत्व

punjabkesari.in Thursday, Aug 01, 2019 - 10:12 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
तीज के अवसर पर देश में कई जगह मेले लगते हैं और माता पार्वती की सवारी धूमधाम से निकाली जाती है। सुहागिनों के लिए हरियाली तीज पर्व बहुत मायने रखता है। हरियाली तीज या श्रावणी तीज, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को कहते हैं। शुष्क और गर्म गर्मी के अंत के बाद, हरियाली तीज पृथ्वी के मोहक दिखने का उत्सव है।  
PunjabKesari, kundli tv, Hariyali Teej 2019, हरियाली तीज, lord shiva, mata parvati
हरियाली तीज की तिथि व मुहूर्त
3 अगस्त, 2019 , शनिवार तृतीया तिथि- 01:36 बजे आरंभ होकर 22:05 बजे समाप्त होगी।

पूजा-विधि
महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं। मान्यता के अनुसार यह त्योहार तीन दिन का होता है, लेकिन आजकल इसे एक ही दिन मनाया जाने लगा है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। इस मौके पर विवाहित महिलाएं नए वस्त्र पहनती हैं और हाथों में मेहंदी और पैरों में आलता लगाती हैं। इस मौके पर मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।
हरियाली तीजः इस दिन करे लें ये उपाय और मनचाहा फल पाएं
शिव पुराण के अनुसार हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था इसलिए सुहागिन स्त्रियों के लिए इस व्रत की बड़ी महिमा है। इस दिन महिलाएं महादेव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं। हरियाली तीज की पूजा विधि इस प्रकार है।

इस दिन साफ-सफाई कर घर को तोरण-मंडप से सजाएं। एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमा बनाएं। मिट्टी की प्रतिमा बनाने के बाद देवताओं का आह्वान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें।
PunjabKesari, kundli tv, Hariyali Teej 2019, हरियाली तीज
हरियाली तीज व्रत का पूजन रातभर चलता है। इस दौरान महिलाएं जागरण और कीर्तन भी करती हैं।

पौराणिक महत्व
मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस कड़ी तपस्या और 108वें जन्म के बाद उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। कहा जाता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही भगवान शंकर ने पार्वती जी को पत्नी के रूप में स्वीकार किया। तभी से ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव और पार्वती जी ने इस दिन को सुहागिन स्त्रियों के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दिया।  
PunjabKesari, kundli tv, Hariyali Teej 2019, हरियाली तीज
पौराणिक परंपरा
नवविवाहित लड़कियों के लिए विवाह के बाद पड़ने वाले पहले सावन के त्योहार का विशेष महत्व होता है। हरियाली तीज के मौके पर लड़कियों को ससुराल से पीहर बुला लिया जाता है।
हरियाली तीज पर सुहागिन स्त्रियां सास के पांव छूकर उन्हें सुहागी देती हैं। यदि सास न हो तो जेठानी या किसी अन्य वृद्धा को दी जाती है।

हरियाली तीज पर महिलाएं व युवतियां खेत या बाग में झूले झूलती हैं और लोक गीत पर नाचती-गाती हैं।
हरियाली तीजः राशि अनुसार करें ये उपाय, जल्द बनेगा शादी का संयोग
व्रत से जुड़ी जरूरी बातें-

हरियाली तीज का व्रत निर्जल रखा जाता है। इसलिए कुछ भी खाने से पहले एक गिलास पानी पी लें।

निर्जल व्रत के तुरंत बाद हैवी भोजन न करें। घंटों तक खाली पेट रहने के बाद एकदम पेट भरकर खाना पाचन से जुड़ी समस्या दे सकता है।
PunjabKesari, kundli tv, Hariyali Teej 2019, हरियाली तीज
कुछ हैवी खाने से पहले कुछ तरल लें। जैसे नींबू पानी, छाछ, नारियल पानी या कोई फ्रूट जूस।

लंबे समय तक निर्जल रहने के बाद पौष्टिक आहार लेना जरूरी है। कोशिश करें कि आप अपने आहार में प्रोटीन को शामिल करें।

निर्जल व्रत के बाद दही खाना अच्छा विकल्प है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News