मंगल का अमंगल दूर करने के लिए आज ही करें ये काम
punjabkesari.in Tuesday, Mar 05, 2019 - 11:33 AM (IST)

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मंगल को काल पुरुष का पराक्रम माना गया है अत: यह पराक्रम का प्रतीक है। ग्रह मंडल में इसे सेनापति का पद प्राप्त है और यह मेष तथा वृश्चिक राशि के स्वामी भी हैं। इनकी महादशा 7 वर्ष की होती है। हनुमान जी की पूजा, उपासना व सुंदर कांड का पाठ करने से मंगल का प्रकोप शांत होता है। मंगल देवता की चार भुजाएं हैं। इनके शरीर के रोएं लाल हैं। इनके हाथों में क्रम से अभयमुद्रा, त्रिशूल, गदा और वर मुद्रा है। इन्होंने लाल मालाएं और लाल वस्त्र धारण कर रखे हैं। इनके सिर पर स्वर्ण मुकुट है तथा ये मेठे के वाहन पर सवार हैं।
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मंत्र उपासना
मंगल जनित दोष निवारण के लिए आप किसी भी मंगलवार के दिन सूर्योदय के समय स्नान करके पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुश व ऊन के आसन पर बैठ जाएं। अब किसी भी माला से निम्र मंत्र की 21 माला मंत्र जाप करें। यह मंगल देव का एकाक्षरी बीज मंत्र हैं, जिसके मंत्र जाप से दोषों का शमन होता है। मंगल का एकाक्षरी बीज मंत्र है ॐ अं अंगारकाय नम:।
मंगल का दान
गेहूं, मसूर-दाल, घी, गुड़, स्वर्ण, लाल वस्त्र, लाल चंदन, लाल फल तथा अन्य वस्तुएं, ताम्र वस्तु, दक्षिण आदि का दान दिया जाना चाहिए।
मंगल रत्न
मंगल दोष निवारण के लिए मंगलवार के दिन मूंगा ताम्बे या सोने की अंगूठी में जड़वाकर बाएं हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें।
सामान्य उपाय
मंगलवार का व्रत करें।
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
महागायत्री का पाठ करना, हनुमान जी को सिंदूर लगाना एवं खुद भी हनुमान जी के पैरों में रखे हुए सिंदूर को लगाएं।
महारुद्र का यज्ञ करवाएं।
तांबे की अंगूठी बनवाकर उस पर मंगल या हनुमान चित्र या यंत्र खुदवाकर मंगलवार को धारण करना चाहिए।
लाल किताब के उपाय
सफेद सुरमा नेत्रों में लगाने से राहत मिलती है।
तांबा अथवा मूंगा अनामिका उंगली में धारण करें।
तंदूर में लगी मीठी रोटी बांटें।
बहते पानी में रेवडिय़ां, बताशे, शहद एवं सिंदूर बहाएं।
मसूर, मिठाई अथवा मीठा भोजन दान करें।
भाई की सेवा करें एवं मृगछाला पर सोएं।
लाल पत्थर के दो टुकड़े लेकर एक टुकड़ा बहते पानी में बहा दें और दूसरा टुकड़ा आजीवन संभाल कर रखें।
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