हनुमान जयंती के दिन हो सकती है अष्ट-सिद्धि व नव-निधि की प्राप्ति, जानिए कैसे
punjabkesari.in Tuesday, Nov 02, 2021 - 04:29 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
03 नवंबर को इस वर्ष की छोटी दिवाली मनाई जाएगी, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। तो वहीं इसी दिन हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाता है। धार्मिक व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्ष में कुल दो बार हनुमान जयंती पड़ती है। एक बाल चैत्र मास की पूर्णिमा को तथा दूसरी बार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि अर्थात नरक चतुर्दशी को। माना जाता है छोटी दीपावली के दिन मनाई जाने वाली हनुमान जयंती बेहद खास मानी जाती है। इसी कारण इस दिन इनकी विभिन्न प्रकार से पूजा अर्चना की जाती है। तो आइए आपको बताते हैं हनुमान चालीसा के कुछ दोहे, जिनका सुमिरन करने से आपके जीवन की तमाम समस्याएं हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो सकती है, साथ ही साथ रुके व बिगड़े हुए सारे काम बनने लगते हैं।
‘बुद्धिहीन तनु जानि के, सुमिरौ पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहुं कलेश विकार।।’
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीसा के उपरोक्त दोहे का नियमित रूप से व खासतौर पर हनुमान जयंती के दिन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसका जप करने वाले जातक के जीवन की सभी तकलीफें हमेशा दूर होती हैं।
‘भूत पिसाच निकट नहीं आवे,
महावीर जब नाम सुनावे।’
इस दोहे का एक माला नियमित रूप से जप किया जाए तो जातक के जीवन में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है।
‘नासे रोग हरे सब पीड़ा,
जपत निरंतर हनुमत बीड़ा।’
स्फटिक की माला से इस दोहे का एक माला जप करने से बड़ी से बड़ी बीमारी दूर हो जाती है। मगर इस दौरान ध्यान रखना चाहिए कि इस दोहे का जप पवनसुत की प्रतिमा और फोटो के सामने तेल के दीपक में लौंग डालकर करें।
‘अष्ट सिद्धि नव निधि के दाता,
अस बर दीन जानकी माता।’
उपरोक्त दोहे का उच्चारण करने से व्यक्ति को अष्ट सिद्धि नव निधि की प्राप्ति होती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार माता जानकी की कृपा से हनुमान जी अष्ट सिद्धि और नव निधि के दाता हैं। जिस कारण जो भी जातक नियमितरूप से ब्रह्म बेला में इस दोहे का एक माला जप करता है, अष्ट सिद्धि-नव निधि की प्राप्ति होती है।
‘विद्यावान गुनी अति चातुर,
राम काज करिबे को आतुर।’
मान्यता है कि इसके नियमित जप से जातकों को विद्या, बुद्धि और धन की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि जहां बुद्धि होती है वहीं धन भी ठहरता है। इसलिए इस दोहे का नियमित रूप से हनुमानजी की मूर्ति या फोटो के सामने एक माला जप करें।
(नोट: यहां दी गई जानकारी केवल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। )