Govatsa Dwadashi: संतान सुख के लिए गोवत्स द्वादशी पर इस विधि से करें पूजा
punjabkesari.in Thursday, Oct 16, 2025 - 07:06 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Govatsa Dwadashi Puja vidhi 2025: गौ माता को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, गोवत्स द्वादशी के दिन गाय की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह पर्व कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में गोवत्स द्वादशी 17 अक्टूबर 2025 को पड़ रही है। इस दिन विशेष रूप से संतान सुख और परिवार में खुशहाली के लिए पूजा करना शुभ माना गया है।
Importance of Govatsa Dwadashi गोवत्स द्वादशी का महत्व
संतान सुख और परिवार में खुशहाली: शास्त्रों के अनुसार जो गृहस्थ गौ माता की सेवा और पूजा करता है, उसके घर में संतान सुख की प्राप्ति होती है।
धन और समृद्धि: गोवत्स द्वादशी पर गाय को भोजन, जल और दूध अर्पित करने से घर में धन और ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।
पापों का नाश और पुण्य की प्राप्ति: गाय की सेवा करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और व्यक्ति का जीवन शुभ और मंगलमय होता है।
वैदिक शास्त्रों में महत्व: नारद पुराण, स्कंद पुराण और अन्य शास्त्रों में गौ सेवा और विशेषकर गोवत्स द्वादशी के महत्व का विस्तार से वर्णन किया गया है।
Govatsa Dwadashi Puja Rituals for the Happiness of Children संतान सुख हेतु गोवत्स द्वादशी पूजा विधि
घर और पूजा स्थल की तैयारी
पूजा से पहले घर और पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें। एक साफ चादर बिछाएं और गौ माता की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें।
Seva of gau mata गौ माता की सेवा
यदि संभव हो तो किसी सजीव गाय की सेवा करें। गाय को चारा, हरा भोजन, जल और दूध अर्पित करें। गौ माता के चारों ओर दीपक जलाएं और गाय का श्रृंगार करें।
Govatsa Dwadashi Puja Materials गोवत्स द्वादशी पूजा सामग्री
गंगाजल या साफ जल, गाय का भोजन: हरा चारा, गुड़, गेहूं, दीपक और धूप, लाल फूल और अक्षत, हल्दी, कुमकुम, मंत्र जाप और प्रार्थना, गौ माता की आराधना करते समय निम्न मंत्र का जाप करें: ॐ गोमातायै नमः
साथ ही संतान सुख की प्रार्थना करें और घर के सभी सदस्य की भलाई के लिए पूजा करें।
Govatsa Dwadashi fast and resolution गोवत्स द्वादशी व्रत और संकल्प
गोवत्स द्वादशी पर व्रत रखना शुभ होता है। व्रत के दौरान दिनभर शुद्ध आहार लें और केवल ताजे फल, दूध, दही आदि का सेवन करें।
Conclusion of Govatsa Dwadashi Puja गोवत्स द्वादशी पूजा का समापन
पूजा के अंत में गौ माता को प्रसाद अर्पित करें। दीपक की लौ के सामने हाथ जोड़कर संतान सुख की विशेष प्रार्थना करें। पूजा समाप्त होने के बाद अपने घर और आस-पास में सफाई और शांति बनाए रखें।
Govatsa Dwadashi Remedies and Scriptural Instructions गोवत्स द्वादशी उपाय और शास्त्रीय निर्देश
मंगलवार या शुक्रवार को गोवत्स द्वादशी का आयोजन अधिक शुभ माना गया है। यदि संभव हो तो गौ माता के पास 11 या 21 दीपक जलाएं। शास्त्रों में कहा गया है कि जो गृहस्थ गौ माता की सेवा और दूध दान करता है, उसके घर में संतान सुख और सुख-समृद्धि स्वाभाविक रूप से आती है। पूजा के दौरान सकारात्मक विचार और भक्ति भाव बनाए रखना आवश्यक है।