Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा के लिए ये समय रहेगा सबसे Best, नोट करें मुहूर्त

punjabkesari.in Wednesday, Oct 22, 2025 - 06:50 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजा, जिसे अन्नकूट उत्सव के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठाकर ब्रजवासियों को देवराज इंद्र के प्रकोप से बचाने की याद में मनाया जाता है। यह त्योहार प्रकृति, गोवंश और अन्न के प्रति आभार व्यक्त करने का पर्व है। इस साल, गोवर्धन पूजा की तिथि को लेकर कुछ भ्रम है क्योंकि प्रतिपदा तिथि पिछले दिन शाम को शुरू हो रही है। आइए, जानते हैं कि गोवर्धन पूजा कब है, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और इसे किस विधि से करना उत्तम रहेगा।

PunjabKesari Govardhan Puja 2025

Govardhan Puja date गोवर्धन पूजा तिथि 2025

पारंपरिक रूप से गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाई जाती है। यह पर्व आमतौर पर दीपावली के अगले दिन पड़ता है।

इस वर्ष कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 21 अक्टूबर 2025 की शाम को हो रही है। हालांकि, उदय तिथि के अनुसार, गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर 2025 को मनाना शास्त्र सम्मत और उत्तम रहेगा।

Govardhan Puja Muhurat गोवर्धन पूजा मुहूर्त

प्रातःकाल मुहूर्त- सुबह 06:26 बजे से सुबह 08:42 बजे तक।
सायंकाल मुहूर्त- दोपहर 03:29 बजे से शाम 05:44 बजे तक।

PunjabKesari Govardhan Puja 2025

Govardhan Puja Vidhi गोवर्धन पूजा की विधि

गोवर्धन पूजा के दिन मुख्य रूप से गोवर्धन पर्वत, भगवान श्री कृष्ण और गौ माता की पूजा की जाती है। इस दिन छप्पन भोग यानी 56 प्रकार के व्यंजनबनाकर भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट के रूप में अर्पित करने की परंपरा है।

गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर तेल लगाकरकरना चाहिए। स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

घर के आंगन या मुख्य द्वार के पास गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। आप इसे लेटे हुए मनुष्य के रूप में भी बना सकते हैं।

पर्वत के साथ-साथ गाय, बछड़े और ग्वालिनों की आकृतियां भी गोबर से बनाएं। गोवर्धन पर्वत को फूलों, हल्दी, चावल, रोली और अपामार्ग  के पौधे से सजाएं।

 शुभ मुहूर्त में गोवर्धन पर्वत के सामने एक दीपक जलाएं।

गोवर्धन पर्वत की आकृति में नाभि की जगह बनाकर, वहां मिट्टी का एक दीपक रखें। इस दीपक में दही, गंगा जल, शहद, दूध, और बताशे डालकर पूजा करें। पूजा के बाद इस मिश्रण को प्रसाद के रूप में वितरित करें।

भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट  का भोग लगाएं। यह भोग मुख्य रूप से मौसमी फल, मिठाई, दाल, चावल, और विभिन्न प्रकार की सब्ज़ियों से बने व्यंजनों का होता है।

PunjabKesari Govardhan Puja 2025
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News