Gopashtami 2021: गौ माता की पूजा से जीवन में होता है मंगल ही मंगल
punjabkesari.in Thursday, Nov 11, 2021 - 12:02 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दिन श्री कृष्ण व गौ पूजा एवं सेव का अत्यंत महत्व है। ग्रंथों में वर्णन किया गया है कि गोपाष्टमी के दिन को ही मां यशोदा ने भगवान कृष्ण को गौ चराने के लिए जंगल भेजा था यानि इस दिन श्री कृष्ण ने गौ चरण लीला आरंभ की थी। सनातन धर्म में गाय को गौ माता का दर्जा दिया जाता है। कहा जाता है इन्ही सभी कारणों के चलते इस दिन को इतना महत्व प्राप्त है। तो आइए जानते हैं इस दिन कैसे और किसका करना चाहिए पूजन-
कार्तिक शुक्ल अष्टमी के दिन गायों को स्नान करवाना, उनके अंग में मेहंदी, हल्दी, रंग के छापे आदि लगाकर गौ माता को सजाना चाहिए।
धार्मिक शास्त्रों में गाय के साथ-साथ इस दिन बछड़े की पूजा करने का भी विधान है। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस दिन धूप-दीप, अक्षत, रोली, गुड़ आदि वस्त्र तथा जल से गाय का पूजन करके, धूप-दीप से उनकी आरती उतारनी चाहिए।
बताया जाता है कि इस दिन कई व्यक्ति ग्वालों को उपहार आदि देकर उनका भी पूजन करना चाहिए, लाभ मिलता है।
जितना संभव हो उतना इस दिन गौ माता का साज-श्रृगांर करना चाहिए।
इसके बाद गाय को चारा आदि खिलाकर परिक्रमा करें, परिक्रमा करने के बाद कुछ दूर तक गायों के साथ चलना चाहिए।
संध्याकाल में गायों के चरणों को धोकर उन्हें तिलक लगाएं।
इसके अलावा प्रचलित मान्यताओं के अनुसार गोपाष्टमी के दिन गाय के नीचे से निकलने से जातक को पुण्य की प्राप्ति होती है।
बता दें न केवल धार्मिक शास्त्रों में बल्कि वास्तु शास्त्र में पशु-पक्षियों की सेवा का खास महत्व है। इसमें वर्णन किया मिलता है कि जो व्यक्ति पशु-पक्षियों की सेवा करता है तथा प्यार देता है उसके जीवन में आने वाली बाधाएं खुद ब खुद धीरे धीरे खत्म होने लगती है। खासतौर पर इसमें गाय से जुड़ी जानकारी मिलती है, इसके अनुसार गाय के होने या रोजाना इनके पूजन से घर और परिवार में सुख, सौभाग्य, शांति और प्रेम का आगमन होता है। जिनके घर में गाय होती है, उनके जीवन में मंगल ही मंगल होता है। कहा जाता है बछड़े को दूध पिला रही गाय का प्रतीक घर में संतान योग्य को बल देता है। इसके अतिरिक्त गाय की प्रतिमा रखने से घर में सकारात्मक शक्तियों का वास रहता है।