Gopal Krishna Gokhale Birth Anniversary: जानें, भारत के ‘ग्लेडस्टोन’ से जुड़ी खास बातें

punjabkesari.in Saturday, May 09, 2020 - 09:52 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Gopal Krishna Gokhale Birth Anniversary: श्री गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, 1866 को हुआ था। वे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी समाजसेवी, विचारक एवं सुधारक थे। महादेव गोविंद रानाडे के शिष्य गोपाल कृष्ण गोखले को वित्तीय मामलों की अद्वितीय समझ और उस पर अधिकारपूर्वक बहस करने की क्षमता से उन्हें भारत का ‘ग्लेडस्टोन’ कहा जाता है। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में सबसे प्रसिद्ध नरमपंथी थे।

PunjabKesari Gopal Krishna Gokhale Birth Anniversary

चरित्र निर्माण की आवश्यकता से पूर्णत: सहमत होकर उन्होंने 1905 में ‘सर्वेंट्स ऑफ इंडिया सोसायटी’ की स्थापना की ताकि नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित किया जा सके। उनका मानना था कि वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा भारत की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। स्व-सरकार व्यक्ति की औसत चारित्रिक दृढ़ता और व्यक्तियों की क्षमता पर निर्भर करता है। महात्मा गांधी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।

गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म रत्नागिरि कोटलुक ग्राम में एक सामान्य परिवार में कृष्णराव के घर में 9 मई 1866 को हुआ। पिता के असामयिक निधन ने गोपाल कृष्ण को बचपन से ही सहिष्णु और कर्मठ बना दिया था। देश की पराधीनता गोपालकृष्ण को कचोटती रहती। राष्ट्रभक्ति की अजस्त्र धारा का प्रवाह उनके अंतर्मन में प्रवाहित रहता। इसी कारण वह सच्ची लगन, निष्ठा और कर्तव्यपरायणता की त्रिधारा के वशीभूत होकर कार्य करते और देश की पराधीनता से मुक्ति के प्रयत्न में लगे रहते।

PunjabKesari Gopal Krishna Gokhale Birth Anniversary
न्यू इंगलिश स्कूल पुणे में अध्यापन करते हुए गोखले जी बालगंगाधर तिलक के सम्पर्क में आए। तत्पश्चात अफ्रीका गए और वहां गांधी जी से मिले। अपने चरित्र की सरलता, बौद्धिक क्षमता और देशभक्त के प्रति दीर्घकालीन स्वार्थहीन सेवा के लिए उन्हें सदा-सदा स्मरण किया जाएगा। वह भारत के लोक सेवा समाज के संस्थापक और अध्यक्ष थे। उदारवादी विचारधारा के वह अग्रणी प्रवक्ता थे।

अफ्रीका से लौटने पर महात्मा गांधी भी सक्रिय राजनीति में आ गए और गोपाल कृष्ण गोखले के निर्देशन में सर्वैंट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना की जिसमें सम्मिलित होकर लोग देश सेवा कर सकें, पर इस सोसायटी की सदस्यता के लिए गोखले जी एक-एक सदस्य की कड़ी परीक्षा लेकर सदस्यता प्रदान करते थे।

PunjabKesari Gopal Krishna Gokhale Birth Anniversary

इसी सदस्यता से संबंधित एक घटना है...मुम्बई म्युनिसिपैलिटी में एक इंजीनियर थे अमृत लाल वी. ठक्कर। वह चाहते थे कि गोखले जी की सोसायटी में सम्मिलित होकर राष्ट्र सेवा करें। उन्होंने स्वयं गोखले जी से न मिलकर देव जी से प्रार्थना-पत्र सोसायटी में सम्मिलित होने के लिए लिखवाया। अमृत लाल जी चाहते थे कि गोखले जी सोसायटी में सम्मिलित करने की स्वीकृति दें तो मुम्बई म्युनिसिपैलिटी से इस्तीफा दे दिया जाए, पर गोखले जी ने दो घोड़ों पर सवार होना स्वीकार न कर स्पष्ट कहा कि यदि सोसायटी की सदस्यता चाहिए तो पहले मुम्बई म्युनिसिपैलिटी से इस्तीफा दें।

गोखले जी की दृढ़ भावना के आगे इंजीनियर अमृत लाल वी. ठक्कर को त्याग-पत्र देने के उपरांत ही सोसायटी की सदस्यता प्रदान की गई। यही इंजीनियर महोदय गोखले जी की दृढ़ नीति-निर्धारण के कारण राष्ट्रीय भावनाओं से ओत-प्रोत सेवा-क्षेत्र में भारत विश्रुत ‘ठक्कर बापा’ के नाम से जाने जाते हैं। गोखले जी 1905 में आजादी के पक्ष में अंग्रेजों के समक्ष लाला लाजपतराय के साथ इंगलैंड गए और अत्यंत प्रभावी ढंग से देश की स्वतंत्रता की वहां बात रखी।

19 फरवरी 1915 को गोपाल कृष्ण गोखले इस संसार से सदा-सदा के लिए विदा हो गए।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News