Gautam Buddha: खुद न बनें अपने दुखों की वजह

punjabkesari.in Tuesday, Dec 21, 2021 - 02:01 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक बार गौतम बुद्ध नगर में घूम रहे थे। तभी बुद्ध ने सुना कि उस नगर में रहने वाले कुछ लोग बुद्ध को बुरा-भला कह रहे हैं और बद्दुआएं दे रहे हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उस नगर में रहने वाले कुछ बुद्ध विरोधियों ने आम नागरिकों के मन में यह बात बिठा दी थी कि गौतम बुद्ध एक ढोंगी व्यक्ति हैं और यह उनके धर्म को भ्रष्ट कर रहे हैं। इस वजह से उस नगर में रहने वाले लोग बुद्ध को पसंद नहीं करते थे और उनको अपना दुश्मन मानते थे।

गौतम बुद्ध ने जब नगरवासियों के इस उलाहनों को सुना तो वह एक कोने में शांति के साथ खड़े हो गए और उनकी बुरी बातों को आराम से सुनते रहे। इस दौरान बुद्ध ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। कुछ देर बाद जब नगरवासी बुद्ध को बुरा-भला कहते हुए थक गए और चुप हो गए तो गौतम बुद्ध ने उन नगरवासियों से कहा, ‘‘क्षमा चाहता हूं लेकिन अगर आप लोगों की बातें खत्म हो गई हैं तो मैं यहां से जाऊं?’’ 

यह सुनकर उनको बुरा कहने वाले लोग बहुत आश्चर्यचकित हुए। तभी एक व्यक्ति ने बोला, ‘‘हम लोग तुम्हारा गुणगान नहीं कर रहे हैं, तुमको उलाहने दे रहे हैंं। क्या तुम पर इन बातों का कोई असर नहीं हो रहा?’’

उस व्यक्ति की बात का जवाब देते हुए गौतम बुद्ध ने कहा, ‘‘आप सब चाहें मुझे कितनी भी गालियां दें या कितना भी बुरा कहें, मैं इन्हें खुद पर नहीं लूंगा क्योंकि मैं जानता हूं कि मैं कुछ गलत नहीं कर रहा, इसलिए इन बातों को जब तक मैं स्वीकार नहीं करता, तब तक इनका मुझ पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। गौतम बुद्ध ने कहा कि हमें अपने दुखों की वजह खुद नहीं बनना चाहिए।’’


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Jyoti

Recommended News

Related News