Gandhi Jayanti: गांधी जी के इस संदेश का आधुनिक जीवन में है बहुत महत्व
punjabkesari.in Tuesday, Sep 30, 2025 - 06:23 PM (IST)

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Gandhi Jayanti 2025: महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को गुजरात के पोरबंदर शहर में करमचंद गांधी और पुतलीबाई के घर हुआ। बचपन से ही गांधी जी सादगी, सच्चाई और सेवा में विश्वास रखते थे। उन्होंने इंग्लैंड जाकर कानून की पढ़ाई की और बाद में दक्षिण अफ्रीका में कुछ समय वकालत की। वहीं से उन्होंने अन्याय के खिलाफ लड़ने का साहस सीखा और भारत लौटकर आजादी के आंदोलन में शामिल हो गए।
महात्मा गांधी ने भारत को आजादी दिलाने के लिए कई आंदोलन चलाए, जैसे कि सत्याग्रह, नमक सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन। इन आंदोलनों में उन्होंने हमेशा अहिंसा और सत्य को अपनाया। महात्मा गांधी के जीवन की एक बहुत ही प्रसिद्ध और प्रेरणादायक कहानी है। एक दिन एक महिला अपने बेटे को लेकर गांधी जी के पास आई और बोली, ‘‘बापू, मेरा बेटा बहुत ज्यादा गुड़ खाता है। कृपया इसे समझाइए कि वह गुड़ खाना बंद कर दे।’’
गांधी जी ने कहा, ‘‘तुम दो हफ्ते बाद आना।’’
दो हफ्ते बाद जब महिला फिर से आई, तब गांधी जी ने उस बच्चे से कहा, ‘‘बेटा, ज्यादा गुड़ खाना ठीक नहीं है, इससे सेहत को नुकसान होता है। इसे कम करो।’’
बच्चा मान गया। लेकिन महिला ने आश्चर्य से पूछा, ‘‘बापू, आपने यह बात पहले ही क्यों नहीं कही?’’
गांधी जी मुस्कुराए और बोले, ‘‘क्योंकि उस समय मैं खुद गुड़ खाता था। जब तक मैं खुद उसे नहीं छोड़ता, तब तक मैं किसी और को कहने का हकदार नहीं था।’’
यह प्रसंग हमें सिखाता है कि गांधी जी केवल उपदेश नहीं देते थे, वह पहले खुद उस रास्ते पर चलते थे। उन्होंने अपने जीवन से यह साबित किया कि अगर हम दूसरों को कुछ सिखाना चाहते हैं, तो पहले हमें खुद वैसा बनना होगा।