अगर आपके ऊपर भी है भगवान शिव का ऋण तो करें ये उपाय
punjabkesari.in Wednesday, May 19, 2021 - 07:15 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जो भी व्यक्ति जन्म लेता है उसकी मृत्यु तो होनी है लेकिन मृत्यु तक हर किसी के ऋण पाप पुण्य उसका पीछा करते रहते हैं। हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कित तीन तरह के ऋण को चुकता कर देने से मनुष्य को अपने जीवन में किए गए बहुत से पापों और संकटों से छुटकारा मिल जाता है। कुछ हिंदू ग्रंथों में चार तरह के ऋण बताए गए हैं। इसके अनुसार चौथा ऋण ब्रह्मा का होता है।
इसके अलावा की तीन ऋण इस प्रकार हैं-
देव ऋण,
ऋषि ऋण,
पितृ ऋण
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इन तीन ऋणों को उतारना प्रत्येक मनुष्य का कर्तव्य होता है। बल्कि कहां जाता है जिस व्यक्ति को अपना यह जीवन तथा अगला जीवन सुधारना हो तो इन ऋणों के महत्व को समझना उसके लिए बहुत जरूरी होता है। शास्त्रों के अनुसार मनुष्य पशुओं से इसलिए अलग माना जाता है क्योंकि उसके पास नैतिकता धर्म और विज्ञान की समझ है जो व्यक्ति इन को नहीं मानता वह पशुवत कहलाता है।
आज हम आपको बताने वाले हैं ऋषि ऋण के बारे में-
शास्त्रों के अनुसार ऋषि ऋण भगवान शंकर का है। ज्योतिषी बताते हैं कि वेद उपनिषद तथा गीता पढ़कर उसके ज्ञान को सभी में बांटने से ही यह ऋण चुकता किया सकता है। जो व्यक्ति अपने जीवन में ऐसा नहीं करता है उससे भगवान शिव और ऋषि गण सदैव प्रसन्न ही प्रतीत होते हैं। इससे व्यक्ति का जीवन को संकट में गिरता जाता है तथा मृत्यु के बाद उसे किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिलती।
जहां जाने इसका उपाय-
धार्मिक शास्त्रों में ग्रंथों के अनुसार व्यक्ति को इस ऋण को चुकता करने के लिए प्रतिमाह गीता का पाठ करना चाहिए। जितना हो सके सत्संग में जाते रहना चाहिए। घर में बैठकर भी संध्या काल में भजन संध्या करनी चाहिए। अपने जीवन में हमेशा अच्छे आचरण वाले व्यक्तियों को अपनाना चाहिए। शरीर, मन और, घर को हमेशा साफ सुथरा रखना चाहिए। सनातन धर्म से जुड़े लोगों को सिर पर घी, भभूत सा चंदन का तिलक अवश्य लगाना चाहिए।