Pradosh Vrat 2025: भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए मई के प्रदोष व्रत पर करें ये दान
punjabkesari.in Friday, May 23, 2025 - 12:07 PM (IST)

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Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत हर माह दो बार एक शुक्ल पक्ष और एक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को आता है। मई महीने का दूसरा प्रदोष व्रत इस बार बहुत खास है क्योंकि इस दिन शनिवार भी है। इस दिन कुछ खास उपाय करने से भोलेनाथ के साथ-साथ शनि देव का भी आशीर्वाद प्राप्त होगा। 24 अप्रैल को मई महीना का दूसरा शनि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत के दिन यदि श्रद्धा और भक्ति से कुछ विशेष वस्तुओं का दान किया जाए तो भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
प्रदोष व्रत का महत्व:
शिवपुराण और स्कंदपुराण के अनुसार, प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न रहते हैं। जो भक्त इस दिन व्रत रखकर पूजा करते हैं और जरूरतमंदों को दान देते हैं, उन्हें जीवन में सभी सुख-संपत्तियां, मानसिक शांति, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
प्रदोष व्रत के दिन दान का महत्व:
दान करना सनातन धर्म में सबसे पुण्यदायी कार्यों में गिना गया है। विशेषकर प्रदोष जैसे पवित्र दिन पर किया गया दान सौ गुना फल देने वाला होता है। यह न केवल पापों का शमन करता है, बल्कि जीवन में नई सकारात्मक ऊर्जा और दिव्यता का संचार करता है।
गौसेवा
यदि संभव हो तो गाय का दान करें, अन्यथा गौशाला में चारा, गुड़, हरा चारा या धन का दान करें। शास्त्रों में कहा गया है कि गौदान से समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह दान भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।
जल पात्र
गर्मियों में जल का दान करना परम पुण्यकारी होता है। इस दिन जरूरतमंदों को मिट्टी का घड़ा, तांबे का लोटा या जलयुक्त मटका दान करें। यह प्यासे को जल देने के बराबर पुण्य देता है, जिसे महादान की श्रेणी में रखा गया है।
पंचामृत या प्रसाद
शिवलिंग पर पंचामृत दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अभिषेक करें और बाद में यह पंचामृत जरूरतमंदों को बांटें। इससे आपकी पूजा भी सफल होगी और दान का पुण्य भी मिलेगा।
वस्त्र और छाता दान
गर्मियों में गरीबों को सूती वस्त्र, गमछा, तौलिया, या छाता दान करना अत्यंत पुण्यदायी है। यह दान शरीर की रक्षा करता है और शिवजी के आशीर्वाद से रोग-दोष दूर होते हैं।
अन्न और फल
गरीबों, साधु-संतों या शिव भक्तों को फल, मिठाई, खीर, या अन्न का दान करें। इस दान से जीवन में कभी अन्न की कमी नहीं होती और सुख-समृद्धि बढ़ती है।
धार्मिक पुस्तकें या शिव पुराण
जो लोग धर्म में रुचि रखते हैं, उन्हें शिव पुराण, भगवद गीता, या धार्मिक साहित्य दान करें। यह दान ज्ञानवर्धक और पुण्य देने वाला माना गया है।