Famous Sun Temples in India: ये हैं भारत में स्थित प्राचीन और प्रसिद्ध सूर्य मंदिर, जानें इतिहास

punjabkesari.in Monday, Feb 05, 2024 - 11:35 AM (IST)

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Famous Sun Temples in India: वैदिक काल से ही भारत में सूर्योपासना का प्रचलन रहा है। पहले यह सूर्योपासना मंत्रों से होती थी। भविष्य पुराण में ब्रह्मा जी तथा विष्णु जी के मध्य एक संवाद में सूर्य पूजा एवं मंदिर निर्माण का महत्व समझाया गया है। अनेक पुराणों में यह आख्यान भी मिलता है कि ऋषि दुर्वासा के श्राप से कुष्ठ रोग ग्रस्त श्री कृष्ण पुत्र साम्ब ने सूर्य की आराधना कर इस भयंकर रोग से मुक्ति पाई थी। रामायण में भी इस बात का जिक्र है कि भगवान राम ने लंका के लिए सेतु निर्माण से पहले सूर्य देव की आराधना की थी। वैदिक साहित्य के साथ-साथ आयुर्वेद, ज्योतिष, हस्तरेखा शास्त्रों में सूर्य का महत्व प्रतिपादित किया गया है। आज तो सूर्य बिजली उत्पादन करने के विशाल स्रोत के रूप में देखा जा रहा है। समाज में जब मूर्ति पूजा का प्रचलन हुआ तो सूर्य की मूर्ति के रूप में पूजा प्रचलित हुई। इसी कारण भारत में सूर्य देव के कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर पाए जाते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे में यहां बता रहे हैं।

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Konark Sun Temple कोणार्क का सूर्य मंदिर
ओडिशा में भुवनेश्वर के समीप कोणार्क का मंदिर न केवल अपनी वास्तुकलात्मक भव्यता के लिए, बल्कि शिल्पकला की बारीकी के लिए भी प्रसिद्ध है। यह कलिंग वास्तुकला का उच्चतम बिन्दू है, जो भव्यता, उल्लास और जीवन के सभी पक्षों का अनोखा तालमेल प्रदर्शित करता है। इस मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित किया गया है।

इसका निर्माण 1250 ई. में पूर्वी गंगा राजा नरसिंह देव प्रथम के कार्यकाल में किया गया था। मंदिर के दोनों ओर 12 पहियों की दो कतारें है। इनके बारे में कुछ लोगों का मत है कि 24 पहिए एक दिन में 24 घंटों के प्रतीक हैं, जबकि कुछ का कहना है कि ये 12 माह के प्रतीक हैं। यहां स्थित सात अश्व सप्ताह के सात दिन दर्शाते हैं। समुद्री यात्रा करने वाले लोग एक समय इसे ‘ब्लैक पगोडा’ कहते थे, क्योंकि माना जाता है कि यह जहाजों को किनारे की ओर आकर्षित करता था और उनका नाश कर देता था।

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Sun Temple of Jhalrapatan झालरापाटन का सूर्य मंदिर
राजस्थान में झालरापाटन का सूर्य मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह मंदिर अपनी प्राचीनता और स्थापत्य वैभव के कारण कोणार्क के सूर्य मंदिर और ग्वालियर के विवस्वान मंदिर का स्मरण कराता है। शिल्प सौन्दर्य की दृष्टि से मंदिर की बाहरी व भीतरी मूर्तियां तथा वास्तुकला देखते ही बनती है।

मंदिर का ऊर्ध्वमुखी कलात्मक अष्टदल कमल अत्यन्त सुन्दर, जीवंत और आकर्षक है। शिखरों के कलश और गुम्बद अत्यन्त मनमोहक हैं। मंदिर का निर्माण 9वीं सदी में हुआ था। यह मंदिर अपनी प्राचीनता और स्थापत्य वैभव के कारण प्रसिद्ध है। कर्नल जेम्स टॉड ने इस मंदिर को चार भुजा (चतुर्भज) मंदिर माना है। वर्तमान में मंदिर के गर्भग्रह में चतुर्भज नारायण की मूर्ति प्रतिष्ठित है।

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Sun Temple of Modhera मोढेरा का सूर्य मंदिर
यह मंदिर अहमदाबाद से लगभग 102 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे भारत के तीन प्रसिद्ध प्राचीनतम सूर्य मंदिरों में से एक माना गया है। इस विश्वप्रसिद्ध मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि पूरे मंदिर के निर्माण में चुनाई के लिए कहीं भी चूने का इस्तेमाल नहीं किया गया है।

ईरानी शैली में निर्मित इस मंदिर को राजा भीमदेव ने तीन हिस्सों में बनवाया था। पहला हिस्सा गर्भगृह, दूसरा सभामंडप और तीसरा सूर्य कुंड है। यह मंदिर गुजरात के मोढेरा में स्थित है, जो मेहसाना से 25 किलोमीटर दूर है।

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Sun Temple of Lohargal लोहार्गल का सूर्य मंदिर
यह मंदिर राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित है। यहां मंदिर के सामने एक प्राचीनतम पवित्र सूर्य कुंड बना हुआ है, मान्यता है कि यहां स्नान के बाद ही पांडवों को ब्रह्म हत्या के पाप से मुक्ति मिली थी।

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Sun Temple of Aungari औंगारी का सूर्य मंदिर
नालंदा का प्रसिद्ध सूर्य धाम औंगारी और बडगांव के सूर्य मंदिर देश भर में प्रसिद्ध हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां के सूर्य तालाब में स्नान कर मंदिर में पूजा करने से कुष्ठ रोग सहित कई असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है। प्रचलित मान्यताओं के कारण यहां छठ व्रत त्यौहार करने बिहार के कोने-कोने से ही नहीं, बल्कि देश भर के श्रद्धालु आते हैं।

लोग यहां तम्बू लगा कर सूर्य उपासना का चार दिवसीय महापर्व छठ सम्पन्न करते हैं। कहते हैं कि भगवान कृष्ण का वंशज साम्ब कुष्ठ रोग से पीड़ित था, इसलिए उसने 12 जगहों पर भव्य सूर्य मंदिर बनवाए थे और भगवान सूर्य की आराधना की थी। ऐसा कहा जाता है तब साम्ब को कुष्ठ से मुक्ति मिली थी। उन्हीं 12 मंदिरों में औगारी एक है।

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Sun Temple of Unnao उन्नाव का सूर्य मंदिर
उन्नाव के सूर्य मंदिर का नाम बह्यन्य देव मन्दिर है। यह मध्य प्रदेश के उन्नाव में स्थित है। इस मंदिर में भगवान सूर्य की पत्थर की मूर्ति है, जो एक ईंटों से बने चबूतरे पर स्थित है, जिस पर काली धातु की परत चढ़ी हुई है। साथ ही 21 कलाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सूर्य के 21 त्रिभुजाकार प्रतीक मंदिर पर अवलंबित है।

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Ranakpur Sun Temple रणकपुर सूर्य मंदिर
राजस्थान के रणकपुर नामक स्थान में अवस्थित यह सूर्य मंदिर, नागर शैली में सफेद संगमरमर से बना है। भारतीय वास्तुकला का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत करता यह सूर्य मंदिर जैनियों के द्वारा बनवाया गया था जो उदयपुर से करीब 98 किलोमीटर दूर स्थित है।


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Martand Sun Temple मार्तंड सूर्य मंदिर
मार्तंड सूर्य मंदिर जम्मू और कश्मीर राज्य के अनंतनाग नगर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। मार्तंड का यह मंदिर भगवान सूर्य को समर्पित है। यहां पर सूर्य की पहली किरण के साथ ही मंदिर में पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो जाता है। मंदिर की उत्तरी दिशा में संदर पर्वतमाला है। यह मंदिर विश्व के सुंदर मंदिरों की श्रेणी में भी अपना स्थान बनाए हुए है।
 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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