तस्वीरों में देखिए, एलीफैंटा गुफा की मूर्तियां और कलाकारी

punjabkesari.in Sunday, Dec 18, 2016 - 01:14 PM (IST)

मुंबई के गेटवे आफ इंडिया से लगभग 12 कि.मी. दूर एलीफैंटा गुफा स्थित है। अपनी अद्भुत कलाकारी के कारण ये गुफा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्‍द्र है।

 

एलीफैंटा गुफा का पुराना नाम घरपुरी था। यह कोंकणी मौर्य की द्वीप राजधानी थी। 16 वीं सदी में पुर्तगालियों के द्वारा इस गुफा का नाम एलीफैंटा गुफा रखा गया। जब यहां पर एक पत्थर के हाथी की मूर्ति पाई गई थी। कहा जाता है कि पुर्तगालियों द्वारा इस गुफा की कुई मूर्तियों को तोड़ भी दिया गया था। जिनमें से कुछ अधूरी मूर्तियां आज भी गुफा में मौजूद हैं।

 

यहां एक गोलाकार शिव मंदिर है। यहां हिन्दू धर्म के अनेक देवी देवताओं कि मूर्तियां हैं। ये मंदिर पहाड़ियों को काटकर बनाए गए हैं। यहां भगवान शंकर की नौ बड़ी-बड़ी मूर्तियां हैं। मंदिर के चार प्रवेश द्वार हैं। प्रत्येक द्वार पर एक द्वारपाल की मूर्ति है। मंदिर में बुहत सारी मूर्तियां खंड़ित हो चुकी हैं लेकिन 5 वीं सदी की खूबसूरती बनाए रखने के लिए इन्हें फिर से नहीं बनाया गया। 

 

इसे तीन शीर्ष वाली महेश यानी शिव की मूर्ति की भव्‍यता के लिए भी जाना जाता है, इसमें से प्रत्‍येक में एक अलग रूप नजर आते हैं। यह दक्षिण दीवार पर स्थित है। मंदिर के पश्चिमी छोर की दक्षिणी दीवार पर भगवान शिव और पार्वती की सुंदर मूर्ति बनी हुई है। जिसमें भगवान शिव ने माता पार्वती का हाथ पकड़ा हुआ है। गुफा के बाहर द्वार पाल की विशाल मूर्तियां भी अत्‍यंत प्रभावशाली हैं। इस गुफा में शिल्‍प कला के कक्षों में अर्धनारीश्‍वर, कल्‍याण सुंदर शिव, रावण द्वारा कैलाश पर्वत को ले जाने, अंधकारी मूर्ति और नटराज शिव की छवियां भी दिखाई गई हैं।


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