Dwijapriya Sankashti Chaturthi- चाहते हैं हर संकट का अंत, करें ये काम तुरंत
punjabkesari.in Tuesday, Mar 02, 2021 - 07:39 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2021: आज सभी दुखों का हरण करने वाली संकष्टी चतुर्थी है। जो व्यक्ति श्रद्धा और आस्था से गौरी पुत्र गणेश के निमित्त विधि-विधान से पूजा-पाठ और व्रत करता है। बप्पा उसके सभी दुखों का हरण कर उसे सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। वैसे को हर माह दो बार चतुर्थी आती है। पूर्णिमा उपरांत आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। जब ये चतुर्थी मंगलवार के दिन आती है तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार फागुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का विशेष महात्म्य है। इस संकष्टी को द्विजप्रिय संकष्टी कहा जाता है।
Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2021: आज सभी दुखों का हरण करने वाली संकष्टी चतुर्थी है। जो व्यक्ति श्रद्धा और आस्था से गौरी पुत्र गणेश के निमित्त विधि-विधान से पूजा-पाठ और व्रत करता है। बप्पा उसके सभी दुखों का हरण कर उसे सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं। वैसे को हर माह दो बार चतुर्थी आती है। पूर्णिमा उपरांत आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। जब ये चतुर्थी मंगलवार के दिन आती है तो इसे अंगारकी चतुर्थी कहा जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार फागुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी का विशेष महात्म्य है। इस संकष्टी को द्विजप्रिय संकष्टी कहा जाता है।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Sankashti Chaturthi 2021 Date And Time)
संकष्टी चतुर्थी तिथि का आरंभ आज 2 मार्च मंगलवार सुबह 05:46 मिनट से होगा और इसका समापन 3 मार्च बुधवार की रात 02:59 पर होगा।
संकष्टी चतुर्थी तिथि का आरंभ आज 2 मार्च मंगलवार सुबह 05:46 मिनट से होगा और इसका समापन 3 मार्च बुधवार की रात 02:59 पर होगा।
चाहते हैं हर संकट का अंत, करें ये काम
सुबह स्नान करके स्वच्छ लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें। उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके श्री गणेश की पूजा करें। शाम के समय फिर से गणेश जी का पूजन करें। गणेश जी की आरती और मंत्रों का जाप करें।
गणेश जी को दुर्वा या दूब चढ़ाने से समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। धन-धान्य में वृद्धि होती है।
शमी के पत्ते अथवा उनकी माला गणेश जी को पहनाने से बुद्धि कुशाग्र होती है और घर में चल रहे कलह-कलेश का नाश होता है।
श्री गणेश को तिल के लड्डुओं का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सुबह स्नान करके स्वच्छ लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें। उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके श्री गणेश की पूजा करें। शाम के समय फिर से गणेश जी का पूजन करें। गणेश जी की आरती और मंत्रों का जाप करें।
गणेश जी को दुर्वा या दूब चढ़ाने से समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। धन-धान्य में वृद्धि होती है।
शमी के पत्ते अथवा उनकी माला गणेश जी को पहनाने से बुद्धि कुशाग्र होती है और घर में चल रहे कलह-कलेश का नाश होता है।
श्री गणेश को तिल के लड्डुओं का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
जिन जातको का भाग्य मंद पड़ा है। मेहनत के बाद भी उचित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं, उन्हें चंद्रमा को जल अर्पण करना चाहिए।
आज के दिन मूली, प्याज, गाजर, लहसुन और चुकंदर नहीं खाने चाहिए।
आज के दिन मूली, प्याज, गाजर, लहसुन और चुकंदर नहीं खाने चाहिए।