बच्चों में अनुशासन विकसित करने के लिए जरूर पढ़े डॉ. जाकिर हुसैन की यह कथा
punjabkesari.in Sunday, Mar 02, 2025 - 01:21 PM (IST)
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Dr. Zakir Husain story: बात उस समय की है, जब पूर्व राष्ट्रपति और शिक्षाविद् डॉ. जाकिर हुसैन जामिया मिलिया इस्लामिया के कुलपति थे। जाकिर साहिब बेहद अनुशासनप्रिय व्यक्ति थे। वह चाहते थे कि विद्यार्थी न सिर्फ पढ़ाई-लिखाई में अव्वल रहें बल्कि वेशभूषा से लेकर व्यवहार तक में दूसरों के लिए एक मिसाल बनें।
उन्होंने यह निर्देश दे रखा था कि विद्यार्थी साफ-सुथरे कपड़े पहनें और जूते हमेशा चमका कर रखें। इस संबंध में उन्होंने एक लिखित आदेश भी निकाला, मगर छात्रों ने उस पर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया। छात्र अपनी मनमर्जी से ही चलते थे, जिसके कारण विश्वविद्यालय का अनुशासन बिगड़ने लगा जिसकी जो मर्जी होती वह वही करता।
यह देखकर डॉ. हुसैन ने छात्रों को एक अलग ही तरीके से सुधारने का निर्णय किया। एक दिन वह कैंपस के गेट पर ब्रश और पॉलिश लेकर बैठ गए और हर आने-जाने वाले छात्र के जूते साफ करने लगे। यह देखकर सभी छात्र बहुत लज्जित हुए। उन्होंने अपनी भूल मानते हुए डॉ. हुसैन से क्षमा मांगी और अगले दिन से साफ-सुथरे कपड़ों में और जूतों पर पॉलिश करके आने लगे। इस तरह विश्वविद्यालय में अनुशासन कायम हो गया।
बाद में इस घटना को लेकर जब लोगों ने डॉ. हुसैन से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था में अनुशासन लाने के लिए उसके मुखिया को स्वयं उदाहरण पेश करना पड़ता है। केवल उपदेश देने या भाषणबाजी से कुछ नहीं होने वाला। जब वह स्वयं अनुशासित होंगे, तभी दूसरों को भी प्रेरित कर पाएंगे।