Dr Rajendra Prasad story: जब राजेंद्र प्रसाद ने एक रुपए की भेंट को बना दिया अमूल्य

punjabkesari.in Thursday, Apr 17, 2025 - 11:24 AM (IST)

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Dr Rajendra Prasad story: डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जब राष्ट्रपति थे, तब उनकी पुत्री एक बार उनसे मिलने राष्ट्रपति भवन आई। उनके साथ उनका पुत्र भी था। वह राष्ट्रपति भवन में कुछ देर तक रुकीं और जब वापस जाने लगीं तो राजेंद्र बाबू ने अपने नाती को एक रुपया भेंट कर दिया। जब राजेंद्र बाबू की पत्नी ने नाती के हाथ में एक रुपया देखा तो बोलीं, “आपने तो कमाल कर दिया। इतने ऊंचे ओहदे पर हैं, फिर भी नाती को उपहार में एक रुपया दे रहे हैं?” 

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राजेंद्र प्रसाद सहजता से बोले,  “एक रुपया कम है? तुम ही सोचो, जितना मेरा वतन है और जितने इस देश में बच्चे हैं, यदि सभी को एक-एक रुपया दूं तो क्या मेरे वेतन से पूरा पड़ सकता है?”

इस उत्तर को सुनकर श्रीमती राजेंद्र प्रसाद निरुत्तर हो गई। ऐसे महान व्यक्तित्व के धनी थे स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद। 

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अपनी सरलता और सादगी के कारण वे पूरे देश में अत्यंत लोकप्रिय थे। पूरे परिवार को इनसे बहुत-सी आशाएं थीं, लेकिन वह अपने लिए सुविधाएं सुनिश्चित करने में विश्वास नहीं रखते थे। राष्ट्रपति पद से मुक्त होने के बाद उन्होंने पटना के पास सदाकत आश्रम में अपना जीवन बिताया।

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Content Editor

Sarita Thapa

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