डॉ. राजेंद्र प्रसाद पुण्यतिथि: “किसी की गलत मंशाएं आपको किनारे नहीं लगा सकती हैं”
punjabkesari.in Friday, Feb 28, 2020 - 01:03 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
अगर इतिहास की तरफ़ एख नज़र घुमा कर देखा जाए तो हमें ऐसे कई नाम मिल जाएंगे। जिन्होंने अपने जीवन से प्ररेणा लेकर समाज में अपना नाम कमाया। इतना ही नहीं बल्कि अपने जीवन के हालातों से सीख लेकर उन्होंने आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन करने की भी पूरी कोशिश की। आज हम आपके साथ एक ऐसे ही महान शख्सियत के बारे में बताने वाले हैं। जिन्होंने अपने जीवन काल में ऐसे कई कार्य किए जिन्होंने उनकी समाज में एक अलग पहचान दिलवाई। हम बात कर रहे हैं डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जो भारतीय लोकतंत्र के पहले राष्ट्रपति थे। इन्होंने समाज में एक सफल नेता के साथ-साथ एक प्रशिक्षक का पद हासिल किया।
बता दें इनका जन्म बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में 3 दिसंबर 1884 में हुआ था। भारतीय स्वतंत्रता अभियान के दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके अलावा इन्होंने बिहार क्षेत्र के लिए ये ये एक बड़े नेता के रूप में सामने आए थे। इटंरनेट से मिली इनसे जुड़ी जानकारी के अनुसार डॉ. राजेंद्र प्रसाद 1934-1935 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भारत की सेवा की थी। 1950 में भारत जब स्वतंत्र गणतंत्र बना, तब इन्हें भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया। कहा जाता है इनके द्वारा किए गए इन सभी कार्यों को देखते हुए ही 1957 में चुनाव समिति द्वारा एक बार फिर से उन्हें राष्ट्रपति घोषित किया गया था।
आज इनकी पुण्यतिथि के मौके पर जानते हैं इनके द्वारा बताई ऐसी बातें जिन्हें हर व्यक्ति को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए।
हर व्यक्ति को अपनी मंजिल की दिशा में आगे बढ़ते हुए याद रखना चाहिए कि मंजिल की ओर बढ़ता हुआ रास्ता भी उतना ही नेक हो।
किसी भी व्यक्ति को खुद पर अपनी उम्र को हावी नहीं होने देना चाहिए।
पेड़ों के आसपास चलने वाला अभिनेता कभी आगे नहीं बढ़ सकता।
किसी की गलत मंशाएं आपको किनारे नहीं लगा सकती हैं।
मनोरंजन की दुनिया में उम्र बहुत महत्वपूर्ण होती है।
प्रत्येक व्यक्ति को अपने द्वारा किए गए हर कार्य की भूमिकाओं के बारे में सावधान रहना चाहिए।