पति और संतान से प्रेम करने वाली महिलाएं Thursday को न करें ये काम

punjabkesari.in Thursday, Jan 26, 2017 - 07:38 AM (IST)

ज्योतिषशास्त्री गुरुवार को धर्म का दिन मानते हैं और दूसरे ग्रहों के मुकाबले उसे अधिक भारी कहा गया है। इस दिन कोई भी काम करने से पहले सोच-विचार कर लें, अन्यथा स्वयं पर और घर-परिवार में हल्कापन आता है। बृहस्पति के प्रभाव में जो चीजें आती हैं उनका प्रभाव हल्का हो जाता है। शास्त्रों की मानें तो महिलाओं की जन्मकुंडली में बृहस्पति पति और संतान का कारक ग्रह है। इसका मतलब महिलाओं के द्वारा किया गया कोई भी काम बृहस्पति को प्रभावित करता है, जिससे उनकी संतान और पति पर शुभ-अशुभ प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गुरुवार के दिन अपने पति और संतान से प्रेम करने वाली महिलाओं को थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए। 

 

बृहस्पतिवार को जो महिलाएं सिर धोती हैं या बाल कटवाती हैं उनका बृहस्पति कमजोर होता है। जिसका प्रभाव पति व संतान पर पड़ता है और उनकी उन्नति में बाधाएं आती हैं। 


गुरु ग्रह को जीव कहकर भी संबोधित किया जाता है। जीव का अर्थ होता है जीवन यानि लम्बी उम्र। बृहस्पतिवार को नाखून काटने, वैक्सिंग, थ्रेडिंग और शेविंग करने से गुरु ग्रह कमजोर हो जाता है, जिससे जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। उम्र कम हो जाती है। 


कपड़े नहीं धोने चाहिए, कबाड़ को घर से बाहर नहीं निकालना चाहिए, घर में झाड़ू और पोछा लगाने से बच्चों और अन्य पारिवारिक सदस्यों की शिक्षा, धर्म आदि पर अशुभ प्रभाव बढ़ता है। 


गुरुवार का दिन देवगुरू बृहस्पति के अतिरिक्त लक्ष्मीनारायण को भी समर्पित है। दोनों का एकसाथ पूजन करना चाहिए। पति-पत्नी में प्रेम और धन वृद्ध‍ि के लिए करें इन मंत्रों का जाप

लक्ष्मी विनायक मंत्र
दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रगस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया, लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।

विष्णु के पंचरूप मंत्र 
ॐ अं वासुदेवाय नम:
ॐ आं संकर्षणाय नम:
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
ॐ नारायणाय नम:

ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान।
यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

सरल जाप 
ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।।

धन-वैभव एवं संपन्नता पाने का विशेष मंत्र 
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि। 
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।।

शीघ्र फलदायी मंत्र 
- श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। 
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।

- ॐ विष्णवे नम:


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News