Diwali 2025: दीपावली पर बन रहा है विशेष योग, वास्तु संबंधित इन बातों का रखें ध्यान
punjabkesari.in Tuesday, Oct 21, 2025 - 06:54 AM (IST)
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Diwali Special : इस बार दीपावली 2025 पर सौभाग्य, बुधादित्य व धाता योग बन रहा है। ये तीनों योग बहुत ही विशेष हैं। इन योगों में की गई लक्ष्मी पूजा से हर प्रकार के सुखों की प्राप्ति संभव है। ये योग धन लाभ के लिए भी बहुत शुभ माने गए हैं। अनाज, किराना, धातु व राजनीति से जुड़े लोगों के लिए ये योग बहुत खास रहेंगे। गुरु इस समय सिंह राशि में स्थित हैं। इस कारण भी देश के लिए यह दीपावली महत्वपूर्ण रहेगी। सभी ओर आनंद रहेगा एवं व्यापार में उन्नति होगी।

गुरु सिंह राशि में व राहू कन्या राशि में रहने से लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए गए उपायों में सफलता मिलेगी। राहू की अच्छी स्थिति के कारण इस दिन किए गए तांत्रिक प्रयोग सिद्ध होंगे।
महाभारत में लिखित है कि आलसी और परिश्रम न करने वाले से महालक्ष्मी रूष्ट हो जाती हैं, इसलिए आलस का त्याग करें और मेहनत से काम करें, माता लक्ष्मी आप पर हमेशा प्रसन्न रहेंगी तथा धन की वृद्धि होगी।

जहां भी स्वच्छता एवं सुव्यवस्था के गुण होंगे, वहां दरिद्रता का कोई स्थान नहीं होता, लेकिन यदि आसपास का वातावरण साफ-सुथरा नहीं हो, तो मां लक्ष्मी अपने पीछे दरिद्रता छोड़ व्यक्ति के जीवन से सदैव के लिए विदा ले लेती हैं, इसलिए लक्ष्मीजी की असीम कृपा पाने के लिए घर से अवांछित सामान, पुराने कपड़े, जूते, डिब्बे आदि हटा दें। ये सामान नकारात्मक ऊर्जा के स्रोत होते हैं।
अगर आप चाहते हैं कि आपके घर पर मां लक्ष्मी की दया हमेशा बनी रहे, तो अपने घर के नलों व टूटियों की जांच कर लें। किसी भी नल से पानी बहना या टपकना नहीं चाहिए। इससे लक्ष्मीजी रूठ जाती हैं। तुरंत अपने घर के सभी नल ठीक करवा लें।

जिस घर में स्नेह, वात्सल्य, आत्मीयता और शांति का वास होता है, वहीं लक्ष्मीजी का वास होता है, इसलिए अपने परिवार के सदस्यों के साथ स्नेहपूर्ण संबंध रखें और उन्हें पूरा सम्मान दें।
अगर आप माता लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो सबसे पहले घर की महिलाओं का आदर-मान करना सीखें।

जहां भगवान श्रीहरि के गुणों का कीर्तन होता है, वहीं सम्पूर्ण मंगलों को भी मंगल प्रदान करने वाली भगवती लक्ष्मी निवास करती हैं।
इसी तरह जहां शंखध्वनि नहीं होती, तुलसी का निवास नहीं रहता, शंकरजी की पूजा नहीं होती, वहां लक्ष्मी नहीं रहतीं। जिस स्थान पर शंखध्वनि होती है, तुलसी का निवास रहता है व इनकी सेवा, वंदना होती है, वहां लक्ष्मी सदा विद्यमान रहती हैं।

