Diwali 2019: इन चीज़ों का लेन-देन शास्त्रों में बताया गया है अपशकुन

punjabkesari.in Friday, Oct 25, 2019 - 04:01 PM (IST)

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दीपावली का त्योहार हिंदू धर्म में बहुत ही खास होता है। लोग इस पर्व को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। ये त्योहार लगातार 5 दिनों तक चलता है, जिसकी शुरूआत धनतेरस के दिन से होकर भैया दूज तक चलती है। दिवाली एक ऐसा त्योहार है जो गैरों को भी अपना बना देता है। लोग एक दूसरे के घरों में जाकर दिवाली की बधाईयां देते हैं और साथ में कोई न कोई उपाहर भी अवश्य लेकर जाते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि भूलवश वे एक-दूसरे को ऐसा गिफ्ट दे देते हैं, जोकि अपशकुन पैदा करता है। शास्त्रों में कुछ उपहार देने व लेने वर्जित और अशुभ माने गए हैं।
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ऐसा चित्र जिसमें भगवान कृष्ण, अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध में गीता का उपदेश दे रहे हों। वह कभी किसी को उपहार में नहीं देना चाहिए और न ही अपने घर में रखना चाहिए। 

अक्सर लोग दिवाली के समय एक दूसरे को देवी-देवताओं के चित्र को देते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान हमेशा रखना चाहिए कि ऐसे चित्र जिनमें देवता उग्र अवस्था में या युद्ध करते हुए दिखाई दें, उन्हें उपहार में न दें और न ही किसी से प्राप्त करें। 
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शास्त्रों में ऐसे उपहार जैसे कि रामायण, महाभारत, ग्रहण, जंगली जानवर, अकाल और सूर्यास्त की तस्वीरों को उपहार में न ही किसी को देना चाहिए और न ही लेना चाहिए।

दिवाली पर मां लक्ष्मी का इंतजार सभी करते हैं। ऐसे में अगर किसी को उपहार में मां लक्ष्मी की फोटो देनी हो तो हमेशा बैठी हुई मां लक्ष्मी वाली अवस्था का चित्र ही देना चाहिए। शास्त्रों में लक्ष्मी जी का घर में बैठना अथवा स्थिर अवस्था में ही शुभ माना जाता है। 

नीचे गिरते हुए झरने के पानी का चित्र भी उपहार में नहीं देना चाहिए और न ही किसी से लेना चाहिए।
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गिफ्ट में कभी भी कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस या बोनसोई के पौधे नहीं देना चाहिए। यह लेने और देने वाले दोनों के लिए अशुभ होता है।
 
उपहार में नुकीली चीजों को नहीं देना चाहिए ऐसा करने से उपहार देने वाले और लेने वालों के बीच में कटुता पैदा होती है।


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