ये है भगवान विष्णु का 4500 वर्ष पुराना मंदिर, जानें क्या है इसका रहस्य

punjabkesari.in Wednesday, Mar 03, 2021 - 03:54 PM (IST)

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मथुरा व वृंदावन को श्री कृष्ण के नाम से ही जाना जाता है। मथुरा की बात करें इसके श्री कृष्ण जन्म स्थली होने के कारण प्राचीन भारतीय संस्कृति में ये आकर्षण का मुख्य केंद्र रहा है। मथुरा हो या वृंदावन जगह-जगह श्री कृष्ण के भव्य मंदिर पाए जाते हैं। यहां जाने वाले हर इंसान को यहां के प्रत्येक व्यक्ति में भगवान के वास का अहसास होता है। कहा जाता है कि समय खत्म हो सकता है परंतु यहां के देखने वाले मंदिरों की गिनती खत्म नहीं होती। क्योंकि यहां के प्रत्येक मंदिर का अपना खास महत्व व विशेषता है। इन्हीं तमाम मंदिरों में से एक मंदिर है यहां भगवान विष्णु का, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये मंदिर कम से कम 4500 साल पुराना है। तो क्या है इस मंदिर की खासियत है-

बता दें उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित भगवान विष्णु का ये मंदिर दीर्घ विष्णु मंदिर के नाम से जाना जाता है, जिससे जुड़ी मान्यता है कि ये मंदिर कृष्ण काल का है। मंदिर के पुजारियों द्वारा बताया जाता है कि मंदिर में स्थापित भगवान विष्णु की प्रतिमा पूरे भारत में एकमात्र ऐसी प्रतिमा है। 

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यहां श्रद्धा से जो भी व्यक्ति सिर झुकाता है उसके सारे दुख श्री हरि स्वयं हर लेते हैं। माना जाता है यहां कुंवारी लड़कियों द्वारा 16 सोमवार व्रत और विष्णु जी की पूजा करने से उसे मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, विवाह में कोई भी बाधा नहीं आती और संतान का सुख प्राप्त होता है।
           
वराह पुराण, नारद पुराण और श्रीमद्भागवत गीता में भी दीर्घ विष्णु मंदिर का वर्णन देखने को मिलता है। वराह पुराण के अनुसार, विष्णु कहते हैं कि इस पृथ्वी,अंतरिक्ष और पाताल लोक में कोई ऐसा स्थान नहीं है जो मथुरा के समान मुझे प्यारा हो। मथुरा मेरा प्रिय स्थल है। इस मंदिर की स्थापना लगभग 4500 साल पहले हुई थी। इसका निर्माण श्रीकृष्ण के छङ भुजा स्वरूप को याद करने और यमुना के तीर्थ प्रयाग को बचाने के लिए किया गया था। मान्यता के अनुसार ये भी कहा जाता है कि यहां स्थित भगवान, श्री कृष्ण के विराट रूप को दर्शाता है जो उन्होंने कंस के वध के समय लिया था। 


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Content Writer

Jyoti

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