इस स्थान पर ‘श्रीराम’ ने किया था ‘विभीषण’ का राज्याभिषेक

punjabkesari.in Sunday, Sep 05, 2021 - 12:02 PM (IST)

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राम की वनवास यात्रा से जुड़े जिन स्थलों के दर्शन इस बार आपको करवाने जा रहे हैं, उनमें वह स्थान विशेष रूप से शामिल है जहां लंकापति रावण के भाई विभीषण श्रीराम की शरण में आए थे। अन्य स्थलों में वह स्थान प्रमुख है जहां श्रीराम ने अपनी जटाएं धोई थीं। ये सभी स्थल तमिलनाडु के रामनाथपुरम में स्थित हैं। 

धनुषकोडी, रामेश्वरम
श्रीराम ने विभीषण के अनुरोध पर धनुष की नोक से पुल तोड़ दिया था। वह स्थान आज भी धनुषकोडी के नाम से प्रसिद्ध है। आज भगवान राम से संबंधित यहां कई मंदिर हैं। यहां से भारतीय महासागर के गहरे और उथले पानी को बंगाल की खाड़ी के छिछले और शांत पानी से मिलते हुए देखना अद्भुत अनुभव है। चूंकि समुद्र यहां छिछला है तो आप बंगाल की खाड़ी में भी जा सकते हैं और रंगीन मूंगों, समुद्री शैवाल सहित विभिन्न प्रकार के समुद्री जीवों को देख सकते हैं।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 6/123/19, 20 मानस 6/1/2 से 6/2/3)


‘कोदण्ड’ का अर्थ है धनुष। समुद्र में एक प्राचीन मंदिर में श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान, सुग्रीव, जामवंत तथा विभीषण जी के बहुत सुन्दर विग्रह हैं। यहीं विभीषण जी श्रीराम की शरण में आए थे तथा यहीं उनका राज्याभिषेक किया था।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 6/17, 18, 19 पूरे अध्याय 6/123/121, मानस 5/40/5 से 5/49 ख दोहा)

जटा तीर्थ, रामेश्वरम धाम :
रामेश्वरम मंदिर से धनुषकोडी के मार्ग में जटातीर्थ है। यहां श्रीराम ने अपनी जटाएं धोई थीं। यहां स्नान करने से संतान की प्राप्ति होती है।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 6/4/ 92, 93 मानस 6/1/2/ से 6/2/3)

यहां निकट ही स्थित अग्नि तीर्थ भी एक मुख्य तीर्थ स्थल है। यहां स्नान कर मुख्य मंदिर के दर्शन किए जाते हैं। श्रीराम ने यहां स्नान किया था।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 6/4/92, 93 मानस 6/1/2 से 6/2/3)

राम झरोखा, गंदमादन :
समुद्र के किनारे एक छोटी पहाड़ी को गंदमादन कहते हैं। पहाड़ी पर श्रीराम के चरण चिह्न बने हैं। यहां खड़े होकर श्रीराम ने समुद्र का सुन्दर दृश्य देखा था इसलिए इसे रामझरोखा कहा जाता है।
(ग्रंथ उल्लेख : वा.रा. 6/4/92, 93, मानस 5/94/3 से 5/50/4 दोहा) (अगले अंक में समाप्त)


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Content Writer

Jyoti

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