Darsh Amavasya 2021: इस दिन तुलसी माता की पूजा से बढ़ती है घर की सुख-समृद्धि
punjabkesari.in Wednesday, Jun 09, 2021 - 10:22 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का खास महत्व है। आज यानी जेष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है जिसे द समस्या के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में इस दिन का काफी महत्व बताया गया है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन चंद्रमा पूरी तरह से लुप्त जाता है। तो वही इस दिन अपने पूर्वजों की पूजा करना भी काफी शुभ माना जाता है। लोग इस दिन व्रत आदि करते हैं। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है उसकी हर तरह की मनोकामना पूरी होती है।
दर्श अमवस्या मुहूर्त-
ज्येष्ठ, कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि-
प्रारम्भ - 01:57 पी एम, जून 09
समाप्त - 04:22 पी एम, जून 10
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देश अमावस्या के दिन व्रत आदि करने व विधिवत रूप से चंद्रमा की पूजा करने से चंद्र देव की कृपा प्राप्त होती है। अपनी पूजा से प्रसन्न होकर चंद्र दिए व्यक्ति को सौभाग्य व समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्रदेव भावनाओं व दिव्य अनुग्रह के स्वामी है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति कमजोर होती है उन्हें इस दिन चंद्र देव की पूजा करनी चाहिए। बता दें इस दिन को श्राद्ध अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यही कारण है कि इस दिन पूर्वजों कोई याद किया जाता है तथा उनके लिए प्रार्थना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन पूर्वज धरती पर आकर अपने परिवार को आशीर्वाद देते हैं।
पूजन विधि-
धानी पुराणों के अनुसार अमावस्या के दिन व्यक्ति के द्वारा स्नान दान की परंपरा का विधान है। खास तौर पर इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है, परंतु जो लोग गंगा स्नान नहीं कर पाते वह इस दौरान किसी भी नदि, तट या सरोवर आदि में भी स्नान कर सकते हैं। इसके अलावा इस दिन भगवान शिव, देवी पार्वती तथा तुलसी माता की पूजा की जाती है, जिससे घर की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी होती है।