Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या के दिन जलाएं इस तेल का दिया, खुशियों की रोशनी से भर जाएगा आपका जीवन

punjabkesari.in Tuesday, Jan 28, 2025 - 10:00 AM (IST)

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Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या भारतीय पंचांग के अनुसार एक विशेष दिन है, जो हर वर्ष माघ मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से साधना, ध्यान और पूजा का दिन माना जाता है क्योंकि इस दिन को मौन व्रत का पालन करके व्यक्ति अपने आत्मिक उन्नति की दिशा में कार्य करता है। मौनी अमावस्या का महत्व धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक है और इस दिन विशेष रूप से दीप जलाने की परंपरा है। दीप जलाने का यह कार्य ऊर्जा के सकारात्मक प्रवाह को आकर्षित करने और घर में सुख-शांति बनाए रखने के लिए किया जाता है। आज जानेंगे कि मौनी अमावस्या के दिन कौन सा तेल का दीपक जलाना शुभ रहता है। 

मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या को खास तौर पर मौन व्रत रखने का महत्व है। इस दिन मौन रहने से आत्मिक शांति प्राप्त होती है और व्यक्ति की मानसिक स्थिति संतुलित रहती है। इस दिन साधक अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखते हुए ध्यान और साधना में लीन रहते हैं। इसके अलावा, इस दिन विशेष रूप से स्नान, दान, और पूजा का आयोजन किया जाता है। यह दिन सूर्य, चंद्रमा और ग्रहों की स्थितियों के अनुसार ऊर्जा प्राप्ति का दिन भी होता है। अत: इस दिन दीप जलाना और खास तेल का इस्तेमाल करना एक अहम धार्मिक क्रिया है।

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 कौन से तेल का दीया जलाएं ?
मौनी अमावस्या के दिन खास तेल का दीया जलाने की परंपरा है क्योंकि यह दिन शुद्धिकरण और ऊर्जा के प्रवाह से जुड़ा होता है। विभिन्न प्रकार के तेलों का उपयोग इस दिन दीपक में किया जाता है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इनके वैज्ञानिक लाभ भी हैं।

घी का दीपक
मौनी अमावस्या के दिन घी का दीपक जलाना सबसे उत्तम माना जाता है। घी का दीपक वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और घर के वातावरण को शुद्ध करता है। घी में दिव्य ऊर्जा होती है, जो वायुमंडल को शुद्ध करने का कार्य करती है। घी का दीपक न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से लाभकारी होता है बल्कि यह आयुर्वेदिक दृष्टि से भी सेहत के लिए अच्छा होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घी का दीपक घर में अमंगल और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सुख-शांति और समृद्धि लाता है। यह विशेष रूप से परिवार में सामंजस्य बनाए रखने के लिए उपयोगी माना जाता है।

तिल का तेल
तिल का तेल भी एक अन्य महत्वपूर्ण तेल है, जिसे मौनी अमावस्या के दिन दीपक में जलाया जाता है। तिल का तेल शुद्धता और ऊर्जा का प्रतीक होता है। तिल का तेल जलाने से घर में समृद्धि और खुशहाली का वास होता है। तिल का तेल जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और मानसिक शांति मिलती है। आध्यात्मिक दृष्टिकोण से तिल का तेल भगवान सूर्य के साथ जुड़ा हुआ है और इसे जलाने से विशेष रूप से स्वास्थ्य में लाभ और आध्यात्मिक उन्नति होती है। तिल का तेल जलाने से समृद्धि का आभास होता है और यह घर के वातावरण को शुद्ध करता है।

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सरसों का तेल
सरसों का तेल भारतीय घरो में एक सामान्य तेल है, जिसका उपयोग पूजा-अर्चना में किया जाता है। मौनी अमावस्या के दिन सरसों के तेल का दीपक जलाना भी शुभ माना जाता है। यह तेल घर की सुरक्षा और शांति के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। सरसों का तेल जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और यह किसी भी तरह के नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करता है। इसके अलावा, यह दीपक जलाने से घर में संपत्ति और खुशहाली का आगमन होता है।

नारियल तेल
नारियल का तेल भी एक लोकप्रिय विकल्प है, जिसे मौनी अमावस्या के दिन दीपक में जलाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह तेल शुद्धता और शांति का प्रतीक माना जाता है। नारियल तेल जलाने से घर में शांति का वातावरण बना रहता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। नारियल तेल का दीपक जलाने से घर के लोग मानसिक रूप से शांत रहते हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।

दीप जलाने की विधि
मौनी अमावस्या के दिन दीप जलाने की विधि विशेष होती है। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके स्वच्छ होकर पूजा स्थल पर दीपक रखें। दीपक में उपयुक्त तेल भरकर उसे अच्छे से प्रज्वलित करें। दीपक को जलाते वक्त भगवान सूर्य की पूजा करें और उनके समक्ष दीपक रखें। इससे न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख और समृद्धि भी आती है।
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Content Editor

Prachi Sharma

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