Damodar Dwadashi 2025: आज है दामोदर द्वादशी, इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा मिलेगा विशेष पुण्य
punjabkesari.in Tuesday, Aug 05, 2025 - 06:36 AM (IST)

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Damodar Dwadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को दामोदर द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से भगवान श्रीविष्णु के दामोदर रूप की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है। इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। दामोदर द्वादशी 2025 में 5 अगस्त, मंगलवार को मनाई जाएगी।
दामोदर द्वादशी 2025
द्वादशी तिथि प्रारंभ: 5 अगस्त 2025, दोपहर 01.12 बजे से आरंभ होगी और अगले दिन 6 अगस्त की दोपहर 2.08 बजे समाप्त होगी।
दामोदर द्वादशी का शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04.20 बजे से 05.02 बजे तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 बजे से 12:54 बजे तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 02:41 बजे से 03:35 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:09 बजे से शाम 07:30 बजे तक
क्यों कहते हैं भगवान विष्णु को दामोदर ?
'दामोदर' नाम का उल्लेख विष्णु सहस्रनाम में भी होता है। इसका अर्थ है वह भगवान जिनकी कमर में रस्सी से बंधी हो। यह नाम विशेष रूप से श्रीकृष्ण के उस बाल रूप की ओर इशारा करता है जब माता यशोदा ने उन्हें उखल से बांधा था। इसलिए, दामोदर द्वादशी का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी जोड़ा जाता है।
दामोदर द्वादशी का धार्मिक महत्व
इस दिन व्रत रखने से पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति श्रद्धा से दामोदर द्वादशी का व्रत करता है, उसे विष्णु लोक की प्राप्ति होती है। भगवान दामोदर की पूजा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
Damodar Dwadashi Vrat Method दामोदर द्वादशी व्रत विधि
प्रातःकाल स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
घर के मंदिर में भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण की प्रतिमा को गंगाजल से शुद्ध करें।
धूप, दीप, नैवेद्य, पुष्प और तुलसी पत्र अर्पित करें।
ॐ दामोदराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
व्रत रखने वाले व्यक्ति इस दिन फलाहार या एक समय भोजन कर सकते हैं।
शाम को दीपदान करना बहुत पुण्यदायक माना गया है।