Coronavirus: स्वास्थ्य रहने के लिए करें ये काम

punjabkesari.in Friday, Mar 20, 2020 - 04:50 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
जैसे कि सब जानते ही हैं कि कोरोनावायरस के चलते लोगों को सचेत रहने की सलाह दी जा रही है। ऐसे में सबको अपना ख्याल रखने और स्वस्थ रहने की जरूरत है। वहीं अगर हम बात करें आचार्य चाणक्य की तो उन्होंने भी स्वास्थ्य रहने के लिए कई बातों के बारे में बताया गया है। जिनके बारे में जानना बेहद जरूरी है। आज हम आपको उनके द्वारा बताई गई स्वास्थ्य रहने की नीति के बारे में बताने जा रहे हैं। 
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श्लोक
अजीर्णे भेषजं वारि जीर्णे वारि बलप्रदम्। 
भोजने चामृतं वारि भोजनान्ते विषप्रदम्।।
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इस श्लोक में पानी पीने के सही तरीके को बताया है, आचार्य कहते हैं कि किस तरह से व्यक्ति के लिए पानी अमृत के समान हैं और अगर इसका गलत इस्तेमाल किया जाए तो ये विष का काम भी करता है। जी हां, भोजन के पचने पर पिया गया पानी औषधि के समान है। भोजन पचने के करीब आधे से एक घंटे बाद पिया गया पानी शारीरिक बल में वृद्धि करता है। भोजन के बीच में बहुत थोड़ा पानी पीना अमृत की तरह है। वहीं भोजन के तुरंत बाद पिया गया पानी शरीर के लिए विष का काम करता है। 
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चाणक्य के अनुसार निरोग काया और चमकदार त्वचा के लिए आवश्यक है कि सप्ताह में एक बार अपने पूरे शरीर की तेल से मालिश करें। इससे शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं और अंदर का मेल बाहर आ जाता है। मालिश के पश्चात स्नान कर लेने से मेल और तेल साफ हो जाता है।
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कोरोनावायरस से बचने के लिए गिलोय का सेवन करना अच्छा माना जा रहा है। चाणक्य ने भी सभी औषधियों में गिलोय को अधिक प्रधानता दी है। आचार्य चाणक्य बताते हैं कि सभी प्रकार के सुखों में भोजन सबसे बड़ा सुख है। शरीर की सभी इंद्रियों में आंख प्रमुख है और सभी अंगों में प्रधान मस्तिष्क है। इसलिए मनुष्य को भोजन में कोताही नहीं बरतनी चाहिए। साथ ही सभी इंद्रियों में आँखों का विशेष ख्याल रखना चाहिए और मस्तिष्क को तनाव मुक्त रखना चाहिए।


 


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