विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य शुरू, 2025 तक होगी विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना
punjabkesari.in Wednesday, Jun 21, 2023 - 09:06 AM (IST)
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मोतिहारी (वार्ता) बिहार में पूर्वी चंपारण जिले के कल्याणपुर प्रखंड स्थित कथवलिया-बहुआरा में विराट रामायण मन्दिर का निर्माण कार्य आज भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के अवसर पर प्रारंभ हो गया। महावीर मन्दिर न्यास की यह सबसे बड़ी और महत्वाकांक्षी परियोजना है। केसरिया-चकिया पथ पर कथवलिया-बहुआरा के जानकी नगर में बड़ी-बड़ी हाइड्रोलिक और अन्य मशीनें पहुंच गयी हैं। मन्दिर के कुल 3102 भूगर्भ-खंभों (पाइलों) में पहले भूगर्भ-खंभे की नींव रखी जाएगी। इसी साल नवंबर तक पाइलिंग का कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि वर्ष 2025 के महाशिवरात्रि तक मन्दिर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना हो जाएगी। उस वर्ष के आखिर तक विराट रामायण मन्दिर बनकर तैयार हो जाएगा। मन्दिर के कुल 12 शिखरों की साज-सज्जा में और दो वर्ष लगेंगे। उन्होंने बताया कि विराट रामायण मन्दिर तीन मंजिला होगा। मन्दिर में प्रवेश के बाद प्रथम पूज्य विघ्नहर्ता भगवान गणेश के दर्शन होंगे। वहां से बढ़ते ही काले ग्रेनाइट की चट्टान से बने विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे। चेन्नई के निकट महाबलिपुरम में 250 टन वजन के ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम भी बनाया जा रहा है।
श्री कुणाल ने बताया कि आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है। शिवलिंग का वजन 200 टन, ऊंचाई 33 फुट और गोलाई 33 फुट होगी। यह मंदिर आकार और ऊंचाई में भव्यतम होगा, उन्होंने बताया कि मन्दिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्गफुट होगा। सबसे ऊंचा शिखर 270 फुट का होगा। 198 फुट का एक शिखर होगा जबकि 180 फुट के चार शिखर रहेंगे। 135 फुट का एक शिखर और 108 फुट ऊंचाई के पांच शिखर होंगे। विराट रामायण मन्दिर की लंबाई 1080 फुट और चौड़ाई 540 फुट है। विराट रामायण मन्दिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 देवालय होंगे।
महावीर मन्दिर न्यास के सचिव ने बताया कि मन्दिर निर्माण के लिए 120 एकड़ जमीन उपलब्ध है। इसे जानकी नगर के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां कई आश्रम, गुरुकुल, धर्मशाला आदि होंगे। विराट रामायण मन्दिर का पाइलिंग कार्य प्रारंभ होने के मौके पर पाइलिंग कराने वाली एजेंसी सनटेक इन्फ्रा के प्रबंध निदेशक गौरव गुप्ता मौजूद रहेंगे। निर्माण एजेंसी के अधिकारी श्रवण कुमार झा ने बताया कि विराट रामायण मन्दिर में पाइलिंग कार्य में 1050 टन स्टील और 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की खपत होगी। निर्माण में लगने वाली सामग्रियां महावीर मन्दिर उपलब्ध कराएगा। आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि बगैर अग्रिम भुगतान के एजेंसी कार्य करेगी। कार्य के आधार पर भुगतान किया जाएगा। विराट रामायण मन्दिर अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर अवस्थित है।
उल्लेखनीय है कि विराट रामायण मन्दिर का भूमिपूजन वर्ष 2012 में हुआ था लेकिन कंबोडिया की आपत्ति और जमीन क्रय करने में हुए विलंब से काम शुरू नहीं हो सका। विराट रामायण का नाम पहले विराट अंकोरवाट मन्दिर रखा गया था। कंबोडिया के अंकोरवाट मन्दिर से मिलते नाम के कारण कंबोडिया सरकार ने वर्ष 2012 में अपनी आपत्ति दर्ज की। कंबोडिया की आपत्ति के बाद मन्दिर का नाम विराट रामायण मन्दिर कर दिया गया। पांच साल तक विभिन्न पत्राचार और प्रयासों के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट का मामला सुलझा, जिसमें विराट रामायण मन्दिर को अंकोरवाट मन्दिर से अलग बताया गया। विराट रामायण मन्दिर के निर्माण के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी अपनी अनापत्ति दी है।