लकड़ी बदले तकदीर, आइए जानें कैसे

punjabkesari.in Saturday, Feb 04, 2023 - 01:06 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Home furniture: घर के बाहर की साज-सज्जा बाहरी लोगों को एवं आंतरिक श्रृंगार हमारे अंत: करण को सौंदर्य प्रदान करता है, जिससे सुख-शांति सौम्यता प्राप्त होती है। घर में यदि वस्तुएं वास्तु अनुसार सुसज्जित न हों तो वास्तु और ग्रह रश्मियों की विषमता के कारण घर में क्लेश, अशांति का जन्म होता है। घर के बाहर की साज-सज्जा बाहरी लोगों को एवं आंतरिक शृंगार हमारे अंत: करण को सौंदर्य प्रदान करता है, जिससे सुख-शांति सौम्यता प्राप्त होती है। घर की आंतरिक सुंदरता में फर्नीचर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। 

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PunjabKesari Connection of wood and vastu

घर में फर्नीचर बनवाने के लिए बहेड़ा, पीपल, वटवृक्ष, पाकर, कैथ, करंज, गुलर आदि लकडिय़ों का प्रयोग न करें। ऐसा करने पर सुख का नाश होता है। 

पलंग के सिरहाने पर अशुभ आकृति न हो इसका ध्यान रखें जैसे सिंह, गिद्ध, बाज या अन्य हिंसक पशु। ऐसा होने पर वह मानसिक विकार उत्पन्न करती है जो कलह का कारण होता है। 

फर्नीचर में शीशम, महुआ, अर्जुन, बबूल, खैर, नागकेशर वृक्ष की लकड़ी काम में ले सकते हैं। इन लकडिय़ों का फर्नीचर घर का वातावरण शांत और समृद्धि बढ़ाने वाला बना रहता है।

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शुभ मुहूर्त देखकर ही फर्नीचर या लकड़ी खरीदें। शनिवार, मंगलवार या फिर अमावस्या के दिन फर्नीचर नहीं खरीदना चाहिए।

फर्नीचर को दीवार से कम से कम 6 से 8 इंच दूरी पर रखना चाहिए। 

हल्का फर्नीचर उत्तर-पूर्व दिशा में और भारी फर्नीचर दक्षिण और पश्चिम दिशा में रखें। 

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अधिक कोनों वाले और नुकीले फर्नीचर से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। गोलाई वाला फर्नीचर शुभ प्रभाव देता है।

सेकेंड हैंड फर्नीचर अथवा पुरानी लकड़ी का फर्नीचर बनवाने से परहेज करें। इससे घर में अशुभता आती है। 

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Content Writer

Niyati Bhandari

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