Choti Diwali: मृत्यु के पाश से मुक्त होने के लिए यमराज को करें प्रसन्न
punjabkesari.in Wednesday, Nov 03, 2021 - 08:53 AM (IST)

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Choti Diwali 2021: ु। इस रात दीए जलाने की प्रथा के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं और लोक मान्यता हैं। एक कथा के अनुसार आज के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी नरकासुर का वध किया था और 16,100 कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त करवा कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था।
इस उपलक्ष्य में दीपक जलाकर प्रसन्नता की अभिव्यक्ति की गई। नरक चतुर्दशी को रूप चतुर्दशी के रूप में भी जाना जाता है। रूप चतुर्दशी में औषधि स्नान और यम दीपदान का अत्यंत महत्व है। भविष्य पुराण और पद्म पुराण के अनुसार इस दिन सूर्योदय से पहले उठ कर औषधि स्नान (अपामार्ग की पत्तियां जल में डालकर) करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और यम दीपदान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती।
इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तिल का तेल लगाकर उससे स्नान करने का बड़ा महात्म्य है। स्नान के पश्चात भगवान विष्णु जी के मंदिर अथवा भगवान श्री कृष्ण जी के मंदिर में भगवान का दर्शन करना और उनके निमित्त दीपदान करना अत्यंत पुण्य दायक कहा गया है।
इससे न केवल पाप क्षय होते हैं अपितु रूप और सौंदर्य की प्राप्ति भी होती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को उपरोक्त कारणों से नरक चतुर्दशी, रूप चतुर्दशी और छोटी दीपावली के नाम से जाना जाता है और इसके बाद क्रमश: दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज मनाई जाती है।
Diwali ke diye: इस दिन यमराज जी अथवा धर्मराज जी के निमित्त संध्या के समय दीपक जलाने का विधान है और उनसे अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वस्थ जीवन की कामना की जाती है। इस प्रकार भारत वर्ष में रूप चतुर्दशी का यह पर्व यमराज के प्रति दीप प्रज्ज्वलित कर, यम के प्रति आस्था प्रकट करने के लिए मनाया जाता है तथा इस मंत्र से प्रार्थना की जाती है।
‘‘मृत्युना पाशदण्डाभ्यां कालेन च मया सह । त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यज: प्रीयतामिति।।’’
अर्थात : त्रयोदशी पर यह दीप मैं सूर्यपुत्र अर्थात यमदेवता को अर्पित करता हूं। मृत्यु के पाश से वह मुझे मुक्त करें और मेरा कल्याण करें।
Diwali Diya: निश्चित रूप से दीपावली पर्व धार्मिक तथा सांस्कृतिक विरासत की परम्परा को आगे बढ़ाने वाला पर्व है। धन, ऐश्वर्य, सुख, समृद्धि तथा आरोग्य प्रदान करने वाला यह दीपोत्सव पर्व भारतीय जनमानस का अत्यंत लोकप्रिय त्यौहार है।