अनूठी सीढ़ियों वाला तालाब विश्व विरासत स्थल की सूची में है शामिल

punjabkesari.in Thursday, Feb 24, 2022 - 10:26 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Champaner Pavagadh Archaeological Park: हम आपको एक ऐसे तालाब से परिचित कराएंगे जो देश के उस राज्य में स्थित है जिसने सभी को ‘बावड़ी परम्परा’ से अवगत कराया। ‘चंपानेर’ शहर पूर्वी गुजरात के पंचमहल जिले में स्थित है। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि चंपानेर देश के ऐतिहासिक दृष्टि से महत्व रखने वाले शहरों की श्रेणी में शामिल है।

PunjabKesari Champaner Pavagadh Archaeological Park

यहीं पर स्थित है ‘चंपानेर पावागढ़ आर्कियोलॉजिकल पार्क’ जिसे यूनेस्को द्वारा वर्ष 2004 में विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया गया था। इस शहर में किले, मंदिर एवं मस्जिद समेत घूमने लायक कई जगह हैं जिसमें से एक है ‘हैलिकल वाव’। इसे ‘स्फैरिकल वाव’ के नाम से भी जाना जाता है।

PunjabKesari Champaner Pavagadh Archaeological Park

ऐसा माना जाता है कि इस बावड़ी का निर्माण 16वीं शताब्दी में करवाया गया था। ‘हैलिकल वाव’ चंपानेर पावागढ़ आर्कियोलॉजिकल पार्क में स्थित है और यहां के मुख्य आकर्षण केंद्रों में से एक है। यह पहली नजर में एक कुआं होने का भ्रम दे सकती है क्योंकि इसका स्वरूप वाकई कुएं से मिलता-जुलता ही है परन्तु इसमें नीचे उतरने के लिए कुंडलित सीढिय़ां (सर्पिल जैसी सीढिय़ां) बनी हुई हैं।

PunjabKesari Champaner Pavagadh Archaeological Park

प्रत्येक सीढ़ी की चौड़ाई लगभग 1.5 मीटर है। इसका यह रूप एवं आकार ही इसे देश की अन्य बावडिय़ों से भिन्न बनाता है। इसकी खासियत ही यह है कि यह अन्य बावडिय़ों की तरह चौकोर न होकर गोल है। बावड़ी में सबसे ऊपर से ही एक तरफ से इसकी सीढिय़ां शुरू हो जाती हैं और इन सीढिय़ों की सहायता से पानी के सबसे निचले तल तक पहुंचा जा सकता है।

PunjabKesari Champaner Pavagadh Archaeological Park

वैसे तो आप यहां साल भर कभी भी और किसी भी दिन घूमने जा सकते हैं लेकिन मानसून का समय यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा बताया जाता है। मानसून के समय एक तो इस बावड़ी का जल स्तर ऊपर आ जाता है एवं इस समय आप यहां की हरियाली का भी भरपूर आनंद उठा सकते हैं।

PunjabKesari Champaner Pavagadh Archaeological Park

यहां इस बावड़ी के अलावा कई बड़े-बड़े तालाब और कुएं भी हैं जिसे देखकर पता लगता है कि चंपानेर का जल प्रबंधन उच्च कोटि का एवं अपने समय से कहीं आगे का था। आप यदि घूमने के शौकीन हैं और ऐतिहासिक इमारतें आपको आकर्षित करती हैं तो चंपानेर अवश्य जाना चाहिए और साथ ही साथ ‘हैलिकल वाव’ देखकर खुद को अपने देश के जल समृद्ध इतिहास से रू-ब-रू कराना चाहिए।

PunjabKesari Champaner Pavagadh Archaeological Park

आज मनुष्य विज्ञान के क्षेत्र में नई-नई ऊंचाइयों को छू रहा है लेकिन एक पहलू जिसे वह छोड़ता ही जा रहा है वह है पर्यावरण और प्रकृति। आज की तकनीक से लैस सभ्यता ने यह सिद्ध कर दिया है कि मनुष्य हर घर तक पानी पहुंचाना सीख गया है लेकिन उस पानी को संरक्षित करना नहीं सीख पाया है।

PunjabKesari Champaner Pavagadh Archaeological Park

इस धरती के प्रत्येक मानव को यह समझने की आवश्यकता है कि जब जल खत्म हो जाएगा तब घरों के नल भी निरर्थक ही होंगे। यदि आधुनिक मनुष्य ने जल की अहमियत समझी होती तो शायद इस गंभीर जल संकट का सामना नहीं करना पड़ता। हमारे पूर्वजों ने जल के महत्व को समझा था और इसलिए धरती के जल का दोहन करने की जगह वर्षा जल संचयन का रास्ता चुना जिसका परिणाम आप चंपानेर ‘हैलिकल वाव’ जैसी सुंदर और अद्भुत बावडिय़ों के रूप में हमारे सामने है।          

 (‘जल चर्चा’ से साभार)

PunjabKesari Champaner Pavagadh Archaeological Park
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News