Spiritual way to celebrate birthday: सुखी और लंबी आयु के लिए वैदिक पद्धति अनुसार मनाएं जन्मदिन
punjabkesari.in Monday, Nov 18, 2024 - 09:42 AM (IST)
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Traditional birthday celebration: हर इंसान के लिए उसका जन्मदिन एक विशेष दिन है, इसे उत्सव के रूप में विधि-विधान से मनाना चाहिए। प्राय: जन्मदिन का उत्सव केक काटकर, मोमबत्तियों को बुझाकर, गुब्बारे फोड़कर मनाया जाता है। पहला जन्म, दूसरा विवाह और तीसरा मृत्यु। ऐसा माना जाता है कि जन्मदिवस पर आयु का एक और वर्ष निकल गया है, जो वापस अब कभी नहीं मिलेगा, इसलिए उतनी ही मोमबत्ती जलाकर बुझाई जाती है, लेकिन हिंदू पद्धति में जन्मदिन के सुअवसर पर दीर्घायु की मंगलकामना हेतु दीपक जलाए जाते हैं।
Celebrate birthday according to Vedic method वैदिक पद्धति से मनाएं जन्मदिन
जन्मोत्सव विधिपूर्वक मनाने से आयु एवं आरोग्य की वृद्धि होती है, जीवन में सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। जन्मदिन पर पूजा, होमादि के अतिरिक्त शास्त्रकारों ने विशेष नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं, जिन्हें सावधानीपूर्वक करने से अरिष्ट की शांति और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।
वैदिक परम्परा के अनुसार जन्मदिन के शुभ अवसर पर दीप जलाने चाहिएं, ताकि आगे का जीवन मंगलमय रहे। जितने वर्ष की आयु पूर्ण हो चुकी हो, उतने ही दीपक भगवान के सामने जलाने चाहिएं, इससे वर्ष भर अनिष्टों से रक्षा होती है। जन्मदिन के दिन जितने वर्ष पूर्ण हो चुके हों, उतनी संख्या में छोटे दीए जलाएं और आने वाले वर्ष की मंगलकामना के लिए एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए।
अगर किसी बच्चे का नौवां जन्मदिन है तो थोड़े-से चावल लेकर उन्हें हल्दी, कुमकुम आदि से रंगकर स्वास्तिक बना लें। उस स्वास्तिक पर नौ छोटे-छोटे दीए रख दें और दसवें वर्ष की शुरुआत के प्रतीक रूप एक बड़ा दीया जलाएं।
Prohibited activities on birthday जन्मदिन पर वर्जित कार्य
जन्मदिन पर नाखून तथा बाल नहीं कटवाने चाहिएं। मांस-मदिरा, तामसिक वस्तुओं का सेवन भी न करें। कलह, हिंसा, लंबी यात्रा, क्रोध, व्यर्थ वार्तालाप, जुआ आदि नकारात्मक कृत्यों से परहेज करना चाहिए।
Do these things on your birthday जन्मदिन पर अवश्य करें ये कार्य
अपने से बड़े-बुजुर्गों, माता-पिता, दादा-दादी का शुभाशीष ग्रहण करना सदैव कल्याणकारी होता है।
जन्मोत्सव पर अधिक से अधिक लोगों का आशीर्वाद अवश्य लेना चाहिए।
जन्मदिन की प्रात:काल उठकर हाथ-मुंह धोकर एवं नित्यकर्म से निवृत्त होकर सर्वप्रथम अपने इष्टदेव का ध्यान करके मन ही मन प्रणाम करें।
नवीन वस्त्र धारण कर गणेश जी का स्मरण करें, जन्म नक्षत्र के अधिपति का पूजन कल्याणकारी रहता है।
जन्मदिन पर तिल का इस्तेमाल आयु वृद्धि कारक होता है। तिल एवं गंगाजल युक्त जल से स्नान करें, तिल से बनी वस्तुओं का दान तथा भोजन करें।
जन्मदिवस पर मंदिर में प्रसाद, अनाथालयों में तथा गरीब जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र इत्यादि भेंट करने से शुभाशीष प्राप्त होता है।
जन्मदिन पर किसी विद्वान द्वारा पूजन करवाएं, स्वस्तिवाचन आदि वैदिक मंत्रों द्वारा मंगलकामना वर्ष भर अनिष्टों से रक्षा करती है।
पूजनादि के पश्चात ब्राह्मण भोजन एवं यथाशक्ति दान करना चाहिए।
चिरंजीवी मार्कण्डेय ऋषि सहित अश्वत्थामा, हनुमान आदि अष्ट दीर्घजीवियों के स्मरण एवं पूजन से मनुष्य दीर्घ जीवन प्राप्त करता है।
विद्वानों के अनुसार जन्मदिन के शुभ अवसर पर षष्ठी देवी की पूजा का विशेष महत्व है, इनकी पूजा से शुभ भाग्य की प्राप्ति होती है।
यदि किसी कारणवश जन्मदिन पूजन न करवा सकें, तो किसी भी रूप में पुण्य कार्य अवश्य करें।