Bhishma Panchak: कार्तिक माह का पुण्य देते हैं भीष्म पंचक के 5 दिन, आप भी उठाएं लाभ
punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 02:05 PM (IST)
 
            
            शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Bhishma Panchak Vrat 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने पांच दिनों की एक विशेष अवधि आती है जिसे “पंचक” कहा जाता है। सामान्य पंचक को अशुभ माना जाता है। इस दौरान विवाह, गृहप्रवेश, या किसी भी मांगलिक कार्य को करने की मनाही होती है लेकिन कार्तिक मास का पंचक, जिसे भीष्म पंचक या विष्णु पंचक कहा जाता है, बिल्कुल विपरीत होता है। यह शुभ और पवित्र माना जाता है।
भीष्म पंचक कार्तिक शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक के 5 दिनों की अवधि होती है। यह काल भगवान विष्णु की विशेष आराधना, उपवास और दान का काल माना जाता है।

When is Bhishma Panchak in 2025 भीष्म पंचक 2025 कब है?
वर्ष 2025 में भीष्म पंचक व्रत 1 नवंबर से शुरू होकर 5 नवंबर 2025 तक रहेगा। यह काल देवउठनी एकादशी से आरंभ होता है और कार्तिक पूर्णिमा पर संपन्न होता है। इन 5 दिनों को पंच भीखम भी कहा जाता है।

The mythological basis of Bhishma Panchak भीष्म पंचक का पौराणिक आधार
महाभारत के महान योद्धा और प्रतिज्ञा के प्रतीक भीष्म पितामह ने कुरुक्षेत्र युद्ध के बाद बाणों की शैय्या पर लेटे हुए अपने देह त्याग का समय स्वयं चुना था। उन्हीं 5 दिनों में, कार्तिक शुक्ल एकादशी से पूर्णिमा तक, उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की उपासना की और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त किया। इसी काल को भीष्म पंचक कहा जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि जो व्यक्ति पूरे कार्तिक माह का व्रत नहीं कर पाता, यदि वह केवल इन 5 दिनों का भीष्म पंचक व्रत कर ले, तो उसे पूरे कार्तिक मास के समान फल प्राप्त होता है।

Vishnu Panchaka: संसार का हर सुख देंगे ये 5 दिन,गरुड़ पुराण के अनुसार 5 दिन तक करें ये काम-
पहले दिन- श्री हरि के चरणों में कमल के फूल चढ़ाएं।
दूसरे दिन-  श्री हरि की जंघाओं पर बिल्व पत्र चढ़ाएं।  
तीसरे दिन- श्री हरि की नाभि पर इत्र अर्पित करें।
चौथे दिन- श्री हरि के कंधे पर जवा कुसुम फूल अर्पित करें।
पांचवे दिन- श्री हरि को मालती के फूल अर्पित करें।


 
                     
                             
                             
                             
                            