Bhimrao Ramji Ambedkar Story: डॉ. अम्बेडकर के मन में पुस्तक प्रेम की ऐसी लग्न, हर बच्चे के अंदर जगा देगी पढ़ाई की इच्छा
punjabkesari.in Tuesday, Jul 02, 2024 - 11:44 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
एक बार डॉ. भीमराव अम्बेडकर उच्च शिक्षा के लिए लंदन गए। वहां वह सादा खाना खाते और सादे कपड़े पहनते थे। इस प्रकार जो बचत होती उससे वह अपने के लिए पुस्तकें खरीदते।
एक बार उन्हें अर्थशास्त्र की एक पुस्तक की बड़ी आवश्यकता थी। चूंकि पुस्तकों की दुकान पर उसकी कीमत इतनी अधिक थी कि वह खरीद नहीं सकते थे, इसलिए वह पुरानी किताबों की स्टॉल पर पहुंचे। वहां वह पुस्तक देख उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। जेब के सारे पैसे देकर उन्होंने पुस्तक खरीद ली।
पुस्तक पढ़ते हुए रोज की तरह वह होटल में खाने की मेज पर बैठ गए।
किताब से नजरें हटाकर जैसे ही उन्होंने मेज की तरफ देखा तो बैरा खाने की प्लेट लिए खड़ा था। तभी उन्हें ध्यान आया कि जेब तो खाली है।
वह फौरन खड़े हो गए और बैरे से बोले, “माफ करना भाई ! मुझे ध्यान ही नहीं रहा। आज मेरा व्रत है।” होटल से निकल कर वह अपने कमरे में आए और एक सप्ताह तक केवल डबल रोटी खाकर गुजारा करते रहे, क्योंकि एक सप्ताह के भोजन के पैसे तो किताब खरीदने में खर्च हो गए थे।