Bhadrapada Month 2025: 9 या 10 अगस्त ? जानिए भाद्रपद मास 2025 की शुरुआत और उसका महत्व
punjabkesari.in Friday, Aug 08, 2025 - 06:58 AM (IST)

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Bhadrapada Month 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास वर्ष का छठा मास होता है, जो सावन मास के बाद आता है। यह मास धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस मास में कई महत्वपूर्ण त्योहार और अनुष्ठान होते हैं। साल 2025 में भाद्रपद मास की शुरुआत 10 अगस्त से होगी और 7 सितंबर 2025 को इसका समापन होगा। भाद्रपद मास का धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व अत्यंत प्राचीन है। यह मास मुख्य रूप से शिव, गणेश, दुर्गा, और अन्य देवी-देवताओं के पूजा-अर्चना के लिए जाना जाता है।
Why is Bhadrapada Month Special भाद्रपद महीना क्यों है खास
भाद्रपद मास को आध्यात्मिक उन्नति के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। इस मास में व्रत, पूजा, और दान-पुण्य करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। कई लोग इस मास में अपने पापों की क्षमा मांगते हैं और धार्मिक नियमों का पालन करते हैं।
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में विशेष श्राद्ध और पिंडदान करने का विधान है, जिससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है।
भाद्रपद मास में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। विशेषकर रक्षा बंधन, जन्माष्टमी जैसे पर्व इस मास में आते हैं।
भाद्रपद मास में गणेश जी के भक्त गणेश चतुर्थी भी मनाते हैं, जो भारत के कई हिस्सों में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
What to do during Bhadrapada month भाद्रपद मास के दौरान क्या करें?
भाद्रपद मास में खासतौर पर श्री कृष्ण की पूजा करने का विधान है क्योंकि इसी महीने में कान्हा जी का जन्म हुआ था।
इस मास में दान और सेवा का विशेष महत्व होता है। गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने से पुण्य प्राप्त होता है।
लड्डू गोपाल की पूजा करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है। भाद्रपद मास में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ या श्रवण भी अत्यंत फलदायी माना जाता है। इससे न केवल धन-यश की प्राप्ति होती है, बल्कि मानसिक शांति और वैभव की प्राप्ति भी होती है।
भाद्रपद मास में आने वाली गणेश चतुर्थी से शुरू होने वाला दस दिवसीय गणेशोत्सव अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दौरान गणेश जी की पूजा-अर्चना करने से सभी दुख-दर्द दूर होते हैं। भक्तगण अपने घरों में बप्पा को दस दिनों तक विराजित करते हैं और विधिवत पूजा करते हैं, जिससे घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
तुलसी माता का पूजन और उनका ध्यान हर दिन करें। तुलसी का पौधा घर में सुख-शांति लाता है और मां लक्ष्मी की कृपा भी होती है। तुलसी की नियमित पूजा से धन-वैभव की वृद्धि होती है।