Bhadrapada Amavasya: भाद्रपद अमावस्या पर करेंगे ये दान, बनेंगे धनवान
punjabkesari.in Thursday, Aug 21, 2025 - 06:43 AM (IST)

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Bhadrapada Amavasya daan: भाद्रपद अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। यह भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। इसे कुशग्रहणी अमावस्या, पितृ अमावस्या और दरिद्रता निवारण अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन विशेष रूप से पितरों की तृप्ति, दान-पुण्य और धार्मिक कार्य करना शुभ माना जाता है। भाद्रपद अमावस्या पितरों की तृप्ति, दान-पुण्य और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति का दिन है। इस दिन श्रद्धा से किए गए दान और पूजा से परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
भाद्रपद अमावस्या पर करें इन वस्तुओं का दान
अनाज (चावल, गेहूं, उड़द दाल), काला तिल और कुश, काले कपड़े या कंबल, ताम्र-पात्र या लोटा, तेल व दीपक, जूते-चप्पल और वस्त्र, अन्न, जल और मिठाई ब्राह्मणों व जरूरतमंदों को दें।
जल से भरा ताम्बे का लोटा दान करना विशेष शुभ माना गया है।
घर के आंगन या दरवाजे पर सरसों तेल का दीपक जलाएं। संभव हो तो पीपल के पेड़ के नीचे या किसी मंदिर में भी दीपक लगाएं।
गरीबों या ब्राह्मणों को भोजन कराएं।
ध्यान रखने योग्य बातें
इस दिन मांस, मदिरा, प्याज-लहसुन का सेवन न करें।
घर में झगड़ा, अपशब्द और कलह न करें।
नाखून/बाल न काटें।
मंत्र-जप और पाठ
ॐ नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जप करें।
हनुमान चालीसा या विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें।
जिनके पितरों की शांति के लिए करना हो, उनके नाम लेकर “ॐ श्री पितृभ्यः नमः” का जप करें।