Best Places to Visit in Punjab: संभावनाएं हैं अपार, हो प्रचार तो आ सकती है पंजाब में पर्यटकों की बहार

punjabkesari.in Wednesday, May 24, 2023 - 10:02 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

चंडीगढ़ (हरिश्चंद्र) : पंजाब चाहे बेहद छोटा राज्य हो मगर इसे जिंदादिल और गतिशील लोगों का घर कहा जाता है। साथ ही पंजाब की मेहमाननवाजी का भी हर कोई कायल है। धार्मिक विविधता वाले इस प्रदेश में सिख और हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध धर्म और सूफीवाद का भी प्रभाव रहा है। यह माना जाता है कि पंजाब में पर्यटन के रूप में यदि कुछ है तो वह है धार्मिक पर्यटन के लिए विश्वविख्यात स्वर्ण मंदिर। या फिर अटारी बॉर्डर, जहां भारत-पाक सीमा पर रोजाना सायं रिट्रीट सैरेमनी होती है। अमृतसर जिला प्रदेश में पर्यटन से सबसे ज्यादा राजस्व देता है। मगर पंजाब में समृद्ध विरासत को संजोए हुए कई ऐसे अनगिनत स्थान हैं जिनके बारे में लोग खास नहीं जानते। इनमें कई मंदिर, गुरुद्वारे, प्रभावशाली किले और महल, वास्तुशिल्प, प्राचीन स्मारक, म्यूजियम आदि शामिल हैं। 

1100  रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें

ऐतिहासिक गुरुद्वारे
यूं तो प्रदेश के हर गांव-शहर में मंदिर-गुरुद्वारे हैं मगर स्वर्ण मंदिर के अलावा श्री आनंदपुर साहिब में तख्त श्री केसगढ़ साहिब, बठिंडा जिले के तलवंडी साबो स्थित तख्त श्री दमदमा साहिब, फतेहगढ़ साहिब में गुरुद्वारा साहिब ठंडा बुर्ज और पटियाला का गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब प्रमुख हैं।

PunjabKesari Best Places to Visit in Punjab

वाल्मीकि तीर्थ मंदिर है खास 
बात धार्मिक पर्यटन की करें तो अमृतसर शहर से बाहर श्रीराम तीर्थ है। माना जाता है कि यहीं पर महर्षि वाल्मीकि का आश्रम और उनकी कुटिया थी, इसी कारण इसे वाल्मीकि तीर्थ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि वाल्मीकि की 8 फीट ऊंची गोल्ड प्लेटेड प्रतिमा यहां पर स्थापित है। यह भी मान्यता है कि भगवान राम द्वारा सीता का परित्याग करने के बाद इसी आश्रम में सीता रही और यहीं लव-कुश का जन्म हुआ। अमृतसर का ही दुर्ग्याणा मंदिर, पटियाला का काली माता मंदिर, जलन्धर राक्षस के नाम पर बसे जालंधर शहर का देवी तालाब मंदिर और सोढल मंदिर आदि प्रमुख मंदिर पंजाब में हैं। जालंधर जिले के डेरा बाबा मुराद शाह में हर धर्म के लोग जाते हैं।

PunjabKesari Best Places to Visit in Punjab

किला मुबारक में समाया है इतिहास
पटियाला का किला मुबारक आज भी पूरी तरह सलामत हैं। किला मुबारक में एक गैलरी है जिसमें हथियार और फानूश प्रदर्शित किए गए हैं। यहां नादिर शाह की तलवार और राजशाही दौर के कई हथियार व कवच रखे हैं। इसके अलावा भव्य फानूश भी इसी गैलरी में रखे हुए हैं। अमृतसर के महाराजा रणजीत सिंह म्यूजियम में 18वीं सदी के हथियार, कवच, सिक्के और पेंटिग्स रखी हैं। 

संघोल में हड़प्पा काल के पुरावशेष : फतेहगढ़ साहिब जिले के संघोल में पुरातात्विक स्थल हैं, जहां हड़प्पा काल के खोजे गए पुरावशेष हैं। इनमें मिट्टी के बर्तन, मणके, मूर्तियां, चूड़ियां, तांबे की छेनी आदि शामिल हैं।

शहादत का गवाह जलियांवाला बाग 
अमृतसर में 1919 की बैसाखी पर सैंकड़ों लोगों की शहादत का गवाह जलियांवाला बाग भी है। अमृतसर में ही पार्टिशन म्यूजियम 1947 के विभाजन की याद दिलाता है। जालंधर जिले के करतारपुर में जंग-ए-आजादी मैमोरियल, श्री आनंदपुर साहिब में विरासत-ए-खालसा और मोहाली जिले के चप्पड़चिड़ी स्थित बाबा बंदा सिंह बहादुर वार मैमोरियल भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। बाबा बंदा सिंह बहादुर वार मैमोरियल में 328 फुट का फतेह बुर्ज भी बना है। इन मैमोरियल का निर्माण पंजाब सरकार ने कराया था जब प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री थे। चमकौर साहिब में दास्तान-ए-शहादत थीम पार्क है।

PunjabKesari Best Places to Visit in Punjab

स्टेट वॉर हीरोज मैमोरियल एंड म्यूजियम में 8 गैलरी
अमृतसर में ही पंजाब स्टेट वॉर हीरोज मैमोरियल एंड म्यूजियम है। परिसर में 45 मीटर ऊंची तलवार है। म्यूजियम में गुरु हरगोबिंद से महाराजा रणजीत सिंह की अवधि तक और कारगिल संचालन तक शहीद हुए वीरों को समर्पित 8 गैलरी हैं। इनमें सिख साम्राज्य के उदय, एंग्लो-सिख युद्ध, देश के विभाजन तक ब्रिटिश शासन (1846-1947), आप्रेशन जम्मू-कश्मीर (1947-48), भारत-चीन युद्ध (1962), भारत-पाक युद्ध (1965 व 1971) व आप्रेशन पवन और आप्रेशन कैक्टस तथा कारगिल युद्ध (1999) से जुड़ी यादें संजोई गई हैं।

PunjabKesari Best Places to Visit in Punjab

बठिंडा के किला मुबारक में कैद रही थी रजिया 
केवल हिंदू-सिखों से जुड़े ही नहीं बल्कि कई मुस्लिम हस्तियों से जुड़ी यादगारें भी पंजाब में हैं। बठिंडा के किला मुबारक में देश के इतिहास में प्रमुख शासक रही रजिया सुल्तान को उनकी हार के बाद कैद करके रखा गया था। इसे देश का सबसे पुराना किला माना जाता है, जो अभी भी सलामत है। इसके निर्माण में लगी ईंटें कुषाण काल की पाई गई थीं। इसी तरह गुरदासपुर जिले के कलानौर में वह चबूतरा आज भी है जिस पर अकबर की ताजपोशी की गई थी। फतेहगढ़ साहिब के सरहिंद में मुगल शासक शाहजहां द्वारा बनाया गया आम खास बाग भी है जहां शाही जोड़ा दिल्ली से लाहौर आते-जाते समय ठहरता था। इसी जिले में शेख अहमद फारुकी सरहिंदी की दरगाह है जिसे रौजा शरीफ के नाम से जाना जाता है।

PunjabKesari kundli

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News