Vastu Upay : क्या बाथरूम में शीशा लगाना वास्तु के अनुसार शुभ या अशुभ ?
punjabkesari.in Friday, Dec 19, 2025 - 12:15 PM (IST)
Bathroom Mirror Vastu : वास्तु शास्त्र में घर की सुख-समृद्धि केवल कमरों या रसोई तक सीमित नहीं है, बल्कि बाथरूम की व्यवस्था भी इसमें अहम भूमिका निभाती है। अक्सर लोग इस उलझन में रहते हैं कि बाथरूम में शीशा लगाना चाहिए या नहीं, और यदि लगाएं तो वह किस दिशा में हो। वास्तु के अनुसार, बाथरूम में शीशा लगाना अत्यंत शुभ हो सकता है, लेकिन इसके लिए सही नियमों का पालन करना अनिवार्य है। गलत दिशा में लगा एक छोटा सा दर्पण भी घर में नकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ला सकता है, जबकि सही दिशा में लगा शीशा उन्नति के द्वार खोल देता है। तो आइए जानते हैं बाथरूम में शीशा लगाने की सही दिशा और नियम के बारे में-

दर्पण की सही दिशा
वास्तु के अनुसार, बाथरूम में शीशा हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए। उत्तर दिशा धन और कुबेर की दिशा मानी जाती है, यहां शीशा लगाने से समृद्धि आती है और पूर्व दिशा ऊर्जा और स्वास्थ्य की दिशा है, यहां शीशा लगाने से सकारात्मकता बढ़ती है।
दर्पण का आकार
बाथरूम के लिए शीशे का आकार बहुत मायने रखता है। चौकोर या आयताकार शीशा सबसे उत्तम माना जाता है। यह ऊर्जा को संतुलित रखता है। कभी भी गोल या अंडाकार शीशा बाथरूम में न लगाएं। वास्तु के अनुसार यह ऊर्जा के प्रवाह को बाधित कर सकता है।

ऊंचाई का रखें ध्यान
शीशा न तो बहुत ऊपर होना चाहिए और न ही बहुत नीचे। इसे इस तरह लगाएं कि जब आप उसमें देखें, तो आपकी आँखों का स्तर शीशे के बीच में हो। शीशे में घर की नाली या टॉयलेट सीट का प्रतिबिंब (Reflection) नजर नहीं आना चाहिए, वरना घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है।
क्या बाथरूम के दरवाजे के सामने शीशा लगा सकते हैं?
वास्तु के अनुसार, बाथरूम के दरवाजे के ठीक सामने शीशा लगाना सबसे बड़ा वास्तु दोष माना जाता है। जब बाथरूम का दरवाजा खुलता है, तो बाहर की सकारात्मक ऊर्जा अंदर जाती है, लेकिन सामने शीशा होने के कारण वह टकराकर तुरंत वापस बाहर निकल जाती है।
सफाई और रखरखाव
बाथरूम का शीशा हमेशा साफ-सुथरा होना चाहिए। धुंधला या गंदा शीशा व्यक्ति की प्रगति में रुकावट पैदा करता है। अगर शीशा कहीं से चटका हुआ या टूटा हुआ है, तो उसे तुरंत हटा दें। टूटा शीशा दरिद्रता और बीमारी को निमंत्रण देता है।

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