Barnava Lakshagrih: आज भी मौजूद है वो लाक्षागृह, जहां हुई पांडवों को जिंदा जलाने की साजिश
punjabkesari.in Sunday, Sep 01, 2024 - 11:42 AM (IST)
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Barnava Lakshagrih: सबको महाभारत के बारे में थोड़ा बहुत ज्ञान जरूर होगा लेकिन महाभारत के कई रहस्य ऐसे हैं जो आज भी सुलझ नहीं पाए हैं। आज महाभारत का एक हिस्सा खुद अपने आपमें एक रहस्य बन गया है। महाभारत में एक प्रसंग है जिसमें दुर्योधन और शकुनि पांडवों को मारने के लिए लाक्षागृह यानी तेजी से जलने वाले महल का निर्माण करते हैं, जहां पर पांडवों को भेज देते हैं।
लेकिन पांडव लाक्षागृह में खुद ही आग लगाकर एक सुरंग की मदद से बचकर निकल जाते हैं। यह घटना जिस जगह पर हुई थी, उसे लेकर तरह तरह के दावे होते रहे हैं। माना जाता है कि यह घटना 5 हजार वर्ष पुरानी है।
महाभारत की कहानी दिलचस्प और रहस्यों से भरपूर
महाभारत की कहानी इतनी दिलचस्प है कि लोग महाभारत से जुड़े रहस्यों के बारे में जानना चाहते हैं। बहुत से लोगों का दावा है कि महाभारत में जिस लाक्षागृह का जिक्र है, वह बागपत के बरनावा गांव में मौजूद है।
अगर भारत के नक्शे पर देखें तो यह जगह उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में बरनावा गांव में मौजूद है। बहुत से लोगों का मानना है कि यह गांव, जिसे आज बरनावा कहा जाता है, महाभारत के समय में इसे वारणा-वत कहा जाता था। यह जगह मेरठ में मौजूद हस्तिनापुर से करीब 66 किलोमीटर दूर है और जब इस जगह पर खुदाई हुई तो यहां से लाक्षागृह के सबूत मिले हैं।
हस्तिनापुर थी भरत वंश की राजधानी
हस्तिनापुर को भरत वंश के सम्राटों की राजधानी कहा जाता है और बरनावा हस्तिनापुर के पास है। इसलिए ए.एस.आई. ने इसमें दिलचस्पी ली थी। इसके बारे में संपूर्ण सत्य ए.एस.आई. की खुदाई के बाद सामने आया है। यहां पर कई स्मृति चिन्ह लगे हुए हैं, जिनमें इस जगह को महाभारत के दौर का बताया गया है।
यहां पर वह सुरंग भी मौजूद है, जिसकी मदद से पांडव लाक्षागृह से बाहर निकले थे। यह जगह चंदायन गांव के करीब है, जहां वर्ष 2014 में तांबे का एक मुकुट मिला था।