Bal Gangadhar Tilak Story: बाल गंगाधर तिलक का ऐसा धैर्य देखकर आपकी आंखे भी हो जाएंगी नम
punjabkesari.in Sunday, Jun 30, 2024 - 10:06 AM (IST)
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Bal Gangadhar Tilak Story: स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नायक बाल गंगाधर तिलक का व्यक्तित्व अनेक विशेषताओं का संगम था। वह राजनीति के महापंडित तो थे ही, अपने देश की आजादी के लिए अंग्रेज सरकार के लिए सबसे बड़ी समस्या भी थे।
जब उन्होंने आजादी की लड़ाई में अंग्रेज सरकार के सामने समस्याएं खड़ी करनी शुरू कीं तो अंग्रेज सरकार ने उन्हें जेल भेज दिया। वहां तिलक ने न केवल राजनीतिक स्थितियों का गहन विश्लेषण करना शुरू किया बल्कि जीवन की गहराई पर भी गंभीर चिंतन किया। गीता पर आधारित गीता रहस्य उन्होंने उसी जेल में लिखी। वहां उनके शरीर को बीमारियों ने घेर लिया। उनकी मुश्किलें तब और बढ़ गईं जब उन्हें अपनी पत्नी की मौत की खबर मिली। बहुत धैर्य से उन्होंने इस दुख को सहन किया।
उन्होंने अपने घर एक पत्र लिखकर कहा, “मेरे मन को धक्का तो जरूर लगा है। मैंने संकटों का सामना हमेशा धैर्य के साथ किया है लेकिन इस खबर ने मुझे भी विचलित कर दिया है।
हम हिंदू लोग मानते हैं कि पति से पहले पत्नी की मृत्यु होती है तो वह भाग्यवान है। उसके साथ भी ऐसा ही हुआ है। उसकी मृत्यु के समय मैं उसके करीब नहीं था, इसका मुझे बहुत अफसोस है।
परन्तु मैं अपने दुख भरे विचार सुना कर आप सबको और दुखी नहीं करना चाहता। मेरी गैर-मौजूदगी में बच्चों को ज्यादा दुख होना स्वाभाविक है। उन्हें मेरा संदेशा पहुंचा दीजिए कि जो होना था वह हो चुका है।”
तिलक के लिए पत्नी के निधन का संवाद एक कठिन परीक्षा के समान था, किंतु उन्होंने अपना धीरज न खोते हुए परिवार वालों का धैर्य बंधाया और उस मुश्किल को सफलतपूर्वक पार किया।