Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर का गर्भगृह बनकर तैयार, 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा

punjabkesari.in Sunday, Dec 10, 2023 - 08:40 AM (IST)

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नई दिल्ली (इंट): अयोध्या में राम मंदिर का गर्भगृह बनकर तैयार हो गया है। गर्भगृह की पहली तस्वीर भी सामने आ गई है जिसमें भव्य गर्भगृह की दीवारों और गुंबद पर सुंदर नक्काशी नजर आ रही है। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने यह तस्वीर जारी की है। गर्भगृह में स्थापित करने के लिए रामलला (भगवान राम के बाल स्वरूप) की मूर्ति 15 दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगी। मंदिर के लिए रामलला की 3 मूर्तियां बनवाई जा रही हैं। तीन मूर्तियों में से 2 कर्नाटक के और एक राजस्थान के पत्थर से बनाई जा रही है। मूर्तियां 90 प्रतिशत तक तैयार हो चुकी हैं और उन्हें अंतिम रूप दिया जा रहा है। 15 दिसंबर को मंदिर न्यास की धार्मिक समिति इनमें से प्राण प्रतिष्ठा के लिए सर्वश्रेष्ठ मूर्ति का चयन करेगी। इसके साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम विधिवत आरंभ हो जाएंगे। 

अयोध्या में राम मंदिर का भव्य उद्घाटन समारोह अगले वर्ष 22 जनवरी को होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व 4,000 संतों सहित लगभग 7000 लोगों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आमंत्रित किया गया है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री मोदी जटायु को श्रद्धांजलि देंगे।

मकर संक्रांति के दिन सभी तैयारियों को परखा जाएगा। 
प्रत्येक अनुष्ठान का यजमान होता है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा चुने गए यजमान द्वारा सरयू तट पर दशविध स्नान, विष्णु पूजन, पंचगव्य प्राशन और गोदान के साथ उन लोगों को भी श्रद्धांजलि दी जाएगी जिन्होंने श्री राम जन्मभूमि मंदिर आंदोलन के लिए अपना बलिदान दिया। 

अयोध्या में राम भक्तों का विहंगम सैलाब दिखाई देगा क्योंकि इसी दिन कलश यात्रा के साथ नवनिर्मित रामलला की मूर्ति को नगर भ्रमण कराया जाएगा। नगर भ्रमण के बाद प्राण प्रतिष्ठित होने वाली इस मूर्ति को श्री राम जन्मभूमि मंदिर ले जाया जाएगा। रामलला की मूर्ति मंदिर में पहुंचने के बाद प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का विधि-विधान से शुभारंभ हो जाएगा। सबसे पहले मंडप प्रवेश पूजन, वास्तु पूजन, वरुण पूजन, विघ्नहर्ता गणेश पूजन के साथ रामलला की मूर्ति का जलाधिवास आरंभ हो जाएगा। 

अनुष्ठान एवं यज्ञ पूजन के लिए अग्नि का प्रज्वलन होता है, अत: 19 जनवरी को राम मंदिर में भी अग्नि का प्रज्वलन होगा परंतु इस अग्नि का प्रज्वलन विशेष विधि ‘अरणी मंथन’ से होगा। अनुष्ठान आरंभ होने के बाद श्री राम जन्मभूमि मंदिर को 81 कलशों में इकट्ठा किए गए अलग-अलग नदियों के जल से पवित्र किया जाएगा और वास्तु शांति अनुष्ठान के साथ रामलला की मूर्ति का अन्नाभिषेक होगा। यज्ञ विधि से विशेष पूजन और हवन के बीच रामलला का 125 कलशों से दिव्य स्नान होगा। तत्पश्चात, रामलला की मूर्ति का शय्याधिवास और फिर मूर्ति की  स्थापना हो जाएगी।


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Content Editor

Prachi Sharma

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