नाक का आकार खोलता है दिल के राज

punjabkesari.in Wednesday, Apr 04, 2018 - 09:34 AM (IST)

नाक किसी प्राणी के शरीर का अत्यंत महत्वपूर्ण अंक है क्योंकि इसी के सहारे वह प्राण-वायु को खींचता और अशुद्ध-मलयुक्त अपान वायु को बाहर फैंकता है अर्थात श्वसन करता है। नाक के सहारे ही वह सुगंध में सुवासित होता है और दुर्गंध से बचाता है। यही नहीं, नाक ही तो उसे भस्म अथवा पदार्थों का अंतर करना बतलाती है। इस अर्थ में सचमुच वह शरीर शास्त्रियों के मतानुसार चेहरे का सर्वाधिक महत्वपूर्ण अंग है। किन्तु शरीराकृति विज्ञानी मनुष्य की नाक को व्यक्ति के स्वभाव का संवाहक मानते हैं। उनके मतानुसार नाक की आकृति देख कर मानव की प्रकृति की जानकारी हो सकती है। यह सही है कि भौगोलिक प्रभावों, आनुवांशिक गुणों आदि के कारण इसके आकार में काफी अंतर पाया जाता है किन्तु फिर भी इसके निष्कर्ष सामान्य ही आते हैं :


बीच में गोलाई लिए तोते की चोंच सी नाक वाले सुयोग्य, जिम्मेदार एवं दृढ़ प्रतिज्ञ होते हैं। ये जितना अधिकार के प्रति सजग होते हैं अपने कर्तव्य निर्वाह में भी अग्रणी होते हैं। 


मोटी तथा बीच में उभरी नाक वाले प्राय: धनी, गुणवान, बहादुर, सेनापति एवं अधिकारी बनने के गुण से ओत-प्रोत माने जाते हैं। भारतीय परम्परा में देवताओं को उभरी नाक वाला ही चित्रित किया गया है। इतिहास में वर्णित महान योद्धाओं चंद्रगुप्त, राणा सांगा, महाराणा प्रताप तथा वीर शिवाजी की नाक अधिकांश चित्रों में इसी तरह की दिखाई गई है।

 
बड़े चेहरे पर छोटी नाक या छोटे चेहरे पर बड़ी नाक अव्यवस्थित चरित्र वाले की निशानी है। ऐसे व्यक्ति अव्यवस्थित चित्त वाले होते हैं जो जीवन में प्राय: विफल रहते हैं। 


पतली नाक के बड़े नथुने तथा मोटी नाक के छोटे नथुने, लम्बाई से अधिक चौड़ी और चौड़ाई से अधिक लम्बी नाक वाले कमजोर दिल व मस्तिष्क के होते हैं। 


सीधी, पतली, लम्बी तथा समानाकार औसत नाक वाले चरित्रवान, मर्यादापालक एवं उत्साही माने जाते हैं। 


जिनकी नाक पतली और लम्बी होते हुए भी टेढ़ी, गुद्देदार तथा बेडौल हो, वे खुदगर्ज, निष्ठुर तथा शुष्क स्वभाव के माने जाते हैं। 


नीचे की ओर झुकी नोक वाली नाक, आचरणहीन, परनिंदक तथा उदासीन स्वभाव तो  ऊंची नोक वाली नाक चटपटे, विनोदप्रिय, हंसोड़ स्वतंत्रताप्रिय, चतुर तथा व्यवहार कुशल व्यक्तित्व की परिचायक है। 


जिनकी नाक की जड़ ज्यादा दबी हो वे बौने व्यक्तित्व के माने जाते हैं किन्तु यदि चपटी नाक बिल्कुल सीधी तथा समानाकार हो तो व्यक्ति कलाकार, वाकपटु तथा व्यक्तित्व सम्पन्न होगा। 


चपटी नाक के ऊपर झुकी भौंह और आगे की ओर निकले ललाट वाले अन्वेषक, दूरदर्शी तथा शोधार्थी होते हैं। 


औसत दर्जे की नाक जिसका बीच वाला भाग मोटा हो, वाले व्यक्ति विद्याव्यसनी तथा चिंतन-मनन करने वाले होंगे। पत्र लिखने में तो उन्हें महारत ही हासिल रहती है। अद्वितीय श्रेष्ठ प्रेम-पत्र लिखने वाले सम्राट नैपोलियन की नाक इसी प्रकृति की बताई जाती है। 


चिपके से नथुने वाले डरपोक तथा कमजोर स्वभाव के तो चौड़े और फूले नथुने वाले भावुक एवं कामुक स्वभाव के बताए जाते हैं। ये तिल का ताड़ बनाने में ही माहिर होते हैं। 


पैने तथा नुकीले नथुने वाले खुदगर्ज, घमंडी व जिद्दी तो मोटे मांसल नथुने वाले ईमानदार, वफादार, होशियार, किन्तु शरीर से बीमार और आर्थिक दृष्टि से बेहाल होते हैं। 


अपने अंगुल से साढ़े तीन अंगुल लम्बी नाक वाले पुरुषार्थी, धनी, किन्तु संतान सुख से वंचित होते हैं। तीन अंगुल नाक वाले दीर्घायु व सामान्य चित्त वाले होते हैं।


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Niyati Bhandari

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