धरती माता पर पैर रखने से लगता है दोष जानें कारण और निवारण
punjabkesari.in Monday, Mar 16, 2015 - 11:02 AM (IST)

धरती माता भगवान विष्णु की पत्नि हैं और संपूर्ण जग की मां हैं। संपूर्ण संसार का पालन-पोषण करने वाले भगवान ने अपनी खुद की कोई संतान नहीं की ताकि जग के प्रेम में कोई कमी न रह जाए।
पुराणों के अनुसार मां तुल्य पूजनीय होने से धरती माता पर पग रखना भी त्रुटि (दोष) का कारण माना जाता है लेकिन मनुष्य जीवन भूमि स्पर्श से अछूता नहीं रह सकता। भूमि का पैरों से स्पर्श करने के लिए जो त्रुटि होती है उससे बचने के लिए विशिष्ट मंत्र द्वारा क्षमा प्रार्थना अवश्यक मानी गई है।
समुद्रवसने देवि पर्वतस्तन मंडिते।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्श क्षमस्व में।।
अर्थात समुद्र रूपी वस्त्र पहनने वाली पर्वत रूपी स्तनों से मंडित भगवान विष्णु की पत्नी, हे माता पृथ्वी, आप मुझे पाद (पांव) स्पर्श के लिए क्षमा करें।
सुबह जब बिस्तर से उठें तो धरती माता पर पैर रखने से पहले उपरोक्त मंत्र का जाप करें। फिर भूमी पर अपना पग रखें। प्रतिदिन इस मंत्र जाप से कर्म बंधनों में आने वाले दोष व बाधाएं समाप्त होती हैं, जीवन में सुख-समृद्धि आती है। जिससे सफलताएं और खुशहाली के रास्ते प्रशस्त होते हैं।