Ganga Dussehra: गंगा दशहरा पर करें अपने 10 पापों का नाश, जानें कैसे
punjabkesari.in Wednesday, Jun 04, 2025 - 01:46 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ganga Dussehra 2025: ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को भगवती गंगा का जन्म उत्सव गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इसमें दशहरा का भावार्थ दस पापों को दूर करने वाली तिथि है। शास्त्रों से ऐसा उल्लेख मिलता कि इस दिन गंगा स्नान करने से दस पापों का नाश होता है। श्री गंगा जी ने धरती को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को छुआ था, इसी कारण गंगा दशहरा को महान माना गया है। इस दिन स्नान तथा दान की विशेष महिमा है। यदि गंगा में इस दिन स्नान न किया जा सके तो गंगा जी का नाम लेकर घर में स्नान करके गंगा स्तुति करने से दस पापों के निवारण की प्रार्थना का विधान है तथा निश्चय करना चाहिए कि हम नीचे बताए गए दस पाप नहीं करेंगे।
10 प्रकार के पापों को तीन वर्गों में बांटा गया है जो इस प्रकार हैं -
शरीर से होने वाले तीन पाप - बगैर दिए किसी चीज का लेना, बिना यज्ञादि विधान के हिंसा और परस्त्री संग।
वाणी से होने वाले चार पाप - कठोर वचन बोलना, दूसरे की निंदा करना, बिना मतलब के प्रलाप करना और झूठ बोलना।
तीन मानसिक पाप : दूसरे की दौलत एंठने की इच्छा रखना, दूसरों को नुकसान पहुंचाने की इच्छा, बेकार की बातों में बुरा प्रभाव पैदा करना।
गंगा दशहरा के दिन देवी गंगा धरती पर आई थी। इसी दिन गायत्री मंत्र का प्रकटीकरण भी हुआ था। इस पर्व के लिए गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों पर भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
मां गंगा की गोद में जाकर पवित्र नदी में डुबकी लगाने से सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है, ऐसी मान्यता है। वैसे तो गंगा स्नान का अपना अलग ही महत्व है लेकिन गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्ति पा जाता है।