सूर्य से प्राप्त लाभदायक किरणें दूषित होकर हानिकारक प्रभाव तो नहीं दे रही आपके घर को

punjabkesari.in Thursday, Mar 12, 2015 - 04:10 PM (IST)

वास्तुशास्त्र के अनुसार भवन में किसी भी प्रकार का भूमिगत टैंक केवल उत्तर, पूर्व व ईशान कोण में ही बनाना चाहिए। इसके अलावा अन्य दिशाओं में भूमिगत टैंक बनाना बहुत अशुभ होता है, परन्तु सैप्टिक टैंक केवल भवन के उत्तर या पूर्व दिशा में ही बनाना चाहिए। सैप्टिक टैंक एक प्रकार का भूमिगत टैंक होने के बाद भी ईशान कोण में कभी नहीं बनाना चाहिए।

 वास्तुशास्त्र एवं फेंगशुई दोनों के अनुसार ईशान कोण में सैप्टिक टैंक होना बहुत अशुभ होता है। ईशान कोण में सैप्टिक टैंक होने से सूर्य से मिलने वाली प्रातःकालीन लाभदायक किरणें दूषित होकर हानिकारक हो जाती हैं जो वहां रहने वालों के लिए बहुत अशुभ होती हैं।

पिछले 20 वर्षों में वास्तुशास्त्र पर प्रकाशित कुछ किताबों में विशेष स्थिति में सैप्टिक टैंक को वायव्य कोण में बनाना उचित बताया गया है, किन्तु मेरे अनुभव में आया है कि, वायव्य कोण में किसी भी प्रकार से नीचाई विवाद, शत्रुता, बीमारी और आर्थिक कष्ट का कारण बनती है। अतः वायव्य कोण में भी सैप्टिक टैंक बनाना वास्तुनुकूल नहीं है।

- वास्तु गुरू कुलदीप सलूजा

thenebula2001@yahoo.co.in 


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