जीवन के हर सपने व इच्छाओं को पूरा करने के लिए करें मंत्र जाप

punjabkesari.in Tuesday, Mar 10, 2015 - 11:59 AM (IST)

भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है। वे एकदन्त और चतुर्बाह हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश पाश, अंकुश, मोदक पात्र तथा वर मुद्रा धारण करते हैं। वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीत वस्त्र धारी हैं। वे रक्त चंदन धारण करते हैं तथा उन्हें रक्त वर्ण के पुष्प विशेष प्रिय हैं। वे अपने उपासकों पर शीघ्र प्रसन्न होकर उनकी समम्त मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। 

श्री गणेश का मन्त्र जप करने से मन में सदविचार और सकारात्मक भाव आने लगते हैं। जिन मनुष्यों का आत्म विश्वास कमजोर होता है उनमें भी श्री गणेश की आराधना से विश्वास की भावना मजबूत होने लगती है।  श्री गणेश मंत्र जप के लिए श्री गणेश जी की प्रतिमा को पीत वस्त्र से ढंकी चौकी पर स्थापित करके सिंदूर, अक्षत, जनेऊ, बूंदी या बेसन का लड्डू, मिठाई आदि समर्पित करते हुए पूर्ण श्रद्धा भाव से श्री गणेश का पूजन करना चाहिए।  

गणेश गायत्री मंत्र के बारे में कहा जाता है कि श्रद्धापूर्वक इसका जाप सर्वार्थ सिद्धिदायक होता है। जीवन के हर सपने व इच्छाओं को पूरा करने के लिए करें मंत्र जाप- 

''एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।

महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।

गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।''


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