सच्चे भगवत प्रेम का आनंद देता है इस मंत्र का जाप

punjabkesari.in Sunday, Jan 04, 2015 - 12:52 PM (IST)

मनुष्य को चाहिए कि वह अपने जीवन का अधिक से अधिक समय भगवान के सुमधुर नामों के संकीर्तन में लगाए। यही अंत:करण की शुद्धि का सर्वोत्तम उपाय है। कीर्तन करते समय वह प्रेम में इतना मग्र हो जाए कि उसके नेत्रों से प्रेमाश्रुओं की धारा बहने लगे, उसकी वाणी गद्गद् हो जाए और शरीर पुलकित हो जाए। भगवन्नाम के उच्चारण में देश-काल का कोई  बंधन नहीं है। भगवान ने अपनी सारी शक्ति और अपना सारा माधुर्य अपने नामों में भर दिया है। यद्यपि भगवान के सभी नाम मधुर और कल्याणकारी हैं किंतु निम्न लिखित महामंत्र सबसे अधिक मधुर और भगवत प्रेम को बढ़ाने वाला है। 

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।।


अर्थात श्री कृष्ण चरित का पूरक है श्री राम चरित हरि को सत नाम और श्री राम नाम द्वारा भी जाना जाता है। राम शब्द का अर्थ है व्यापक। कृष्ण शब्द का अर्थ है ऐसा आकर्षण जो हमें आनंद प्रदान करें। श्री कृष्ण चरित श्री राम चरित का पूरक है। दोनों चरित मिलकर श्री हरि की व्याख्या करते हैं।
 


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