अजा एकादशी पर बन रहे दो शुभ योग, व्रत-पूजा से मिलेगा अश्वमेध यज्ञ का फल

punjabkesari.in Saturday, Aug 20, 2022 - 05:48 PM (IST)

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हिंदू धर्म में छोटे-बड़े न जाने कितने ही तीज-त्यौहार पड़ते हैं। साल में 365 दिनों में हर दिन किसी न किसी रूप में हिंदू धर्म के देवी-देवताओं को समर्पित है। देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए हर दिन कोई न कोई व्रत रखा जाता है। कहा जाता है हर देवी-देवता का एक दिन होता है, जिस दिन उनका व्रत और उनकी उपासना करके भक्त उनको प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। बता दें कि एकादशी भी हिंदू धर्म में रखे जाने वाला एक प्रमुख उपवास है। यह उपवास भगवान श्री हरि को समर्पित है। हिंदू धर्म में हर एक एकादशी का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म के अन्य ग्रंथों में भी एकदशी के व्रत की महिमा बताई गई है। यह व्रत करने वाले व्यक्ति के जीवन के तमाम तरह के कष्ट नष्ट होते हैं। यहां तक की पिछले जन्म के पाप कर्मों से भी मुक्ति मिलती है।  
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भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी में पड़ने वाली तिथि में अजा एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल अजा एकादशी का व्रत 23 अगस्त को रखा जाएगा। धार्मिक दृष्टि से इस व्रत का अधिक महत्व है। इस दिन मुख्य रूप से श्री हरि विष्णु जी की पूजा आराधना की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार अजा एकादशी का व्रत करने से सभी पापों से मुक्ति के साथ अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। अजा एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से प्रत्येक मनोकामना पूरी होती है। मान्यता है की जो व्यक्ति भगवान विष्णु के ऋषिकेष स्वरूप की पूजा करता है और व्रत कथा सुनता है उसे मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त होता है तथा विष्णु लोक में स्थान मिलता है।

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एकादशी शुभ योग- 
बात करें इस बार के अजा एकादशी की तो ज्योतिष विशेषज्ञों द्वारा बताया जा रहा है इस एकादशी तिथि पर इस दिन दो शुभ योग बने हुए हैं। अजा एकादशी पर बनने वाले दो शुभ योग हैं भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत: 22 अगस्त, सोमवार, प्रात: 03 बजकर 35 मिनट सेभाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की समाप्ति: 23 अगस्त, मंगलवार, प्रात: 05 बजकर 06 मिनट परसिद्धि योग: 23 अगस्त को सुबह से लेकर दोपहर 12 बजकर 38 मिनट तकत्रिपुष्कर योग: सुबह 10 बजकर 44 मिनट से 24 अगस्त, प्रात: 05 बजकर 55 मिनट तक अजा एकादशी व्रत का पारण समय: 24 अगस्त, प्रात: 05 बजकर 55 मिनट से प्रात: 08 बजकर 30 मिनट के बीच रहेगा।
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पूजन विधि
अजा एकादशी के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु का चित्र रखकर व्रत का संकल्प लें। 
भगवान विष्णु की मूर्ति, प्रतिमा या उनके चित्र को स्थापित करें। भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा अर्चना करें।
पूजा के दौरान भगवान कृष्ण के भजन और विष्णु सहस्रनाम का पाठ अवश्य करें।
इसके बाद पूजा पर बैठना चाहिए, फल फूल से पूजा के साथ व्रत का पारण करना चाहिए।
भगवान विष्णु माता लक्ष्मी की कथा सुननी चाहिए साथ ही उपास करना चाहिए। 

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Acharya Pradiep Siingla
Astro-Numerologist & Vastu Consultant
pradiepsiingla@gmail.com


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Content Writer

Jyoti

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