Ahoi Ashtami Vrat Niyam: पहली बार अहोई अष्टमी का व्रत रखने वाली महिलाएं अवश्य पढ़ें शास्त्रीय जानकारी
punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2024 - 07:39 AM (IST)
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Ahoi Ashtami Vrat Niyam 2024: हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है।यानि कि करवा चौथ के 4 दिन बाद ये व्रत आता है जैसे कि करवाचौथ पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। ठीक उसी तरह अहोई अष्टमी का व्रत महिलाएं संतान की सुख-समृद्धि और दीर्घायु की कामना के लिए करती हैं। इस वर्ष यानि साल 2024 में यह व्रत 24 अक्टूबर गुरुवार के दिन रखा जाएगा। इस व्रत में माताओं को निर्जल रहकर व्रत का पालन करना पड़ता है। इसके अलावा भी कुछ ऐसे नियम हैं, जिन्हें इस व्रत के दौरान अपनाना बेहद ज़रूरी है नहीं तो ये व्रत खंडित भी हो सकता है। अगर आप पहली बार ये व्रत कर रही हैं या फिर आपने पहले भी ये व्रत किया है तो एक बार जान लें, अहोई अष्टमी के व्रत में किन सावधानियों को बरतना ज़रूरी है...
सबसे पहले आपको बता दें, यह व्रत माताएं संतान की लंबी आयु के साथ-साथ संतान प्राप्ति की कामना के लिए भी करती हैं। ज्यादातर व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है लेकिन अहोई अष्टमी के व्रत का पारण तारों की छांव में अर्घ्य देकर किया जाता है। अहोई अष्टमी व्रत के कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखना अति आवश्यक होता है। इस दिन कुछ कार्य वर्जित बताए गए हैं। जिन्हें व्रती महिलाओं को नहीं करना चाहिए।
जैसे कि अहोई अष्टमी को तारों को अर्घ्य देते समय तांबे के लोटे से अर्घ्य नहीं देना चाहिए, इस दिन अर्घ्य देने के लिए पीतल के लोटे का प्रयोग किया जा सकता है।
यदि आपने अहोई अष्टमी का व्रत रखा है तो आपको दिन के समय भूलकर भी सोना नहीं चाहिए, मान्यता है कि इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है।
इसके अलावा इस दिन तुलसी का पत्ता भी न तोड़ें।
शास्त्रों के अनुसार अहोई अष्टमी पर व्रती महिलाओं को किसी भी प्रकार से धारदार चीजों जैसे चाकू, कैंची आदि का उपयोग नहीं करना चाहिए, इस दिन सब्जी काटना, कपड़े काटना आदि कार्य भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
अहोई अष्टमी के दिन माताओं को भूलकर भी मिट्टी से संबंधित कोई कार्य नहीं करना चाहिए, इस दिन मिट्टी के स्थान पर खुरपी आदि नहीं चलानी चाहिए। ऐसा करने से संतान पर कष्ट आ सकता है।
अहोई अष्टमी के रोज अपने घर में किसी भी प्रकार से क्लेश न करें और अपनी संतान को भूलकर भी किसी तरह से अपशब्द नहीं बोलने चाहिए।
अहोई अष्टमी पर पूरी तरह से सात्विक भोजन बनाना चाहिए। इस दिन भूलकर भी आपके घर में तामसिक चीजें नहीं आनी चाहिए।