अष्टमी-नवमी की रात 12 बजे के बाद करें ये उपाय, अभाग्य घर के भाग्य भी खुल जाएंगे

punjabkesari.in Wednesday, Oct 13, 2021 - 12:34 PM (IST)

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Shardiya Navratri 2021: नवरात्र पर्व जगतजननी आदिशक्ति के नौ रूपों की नौ दिनों में क्रमशः अलग-अलग स्वरूप को दर्शाता है। नवरात्री का पर्व जीवन के नौ हिस्सों में विभाजित करके जीवन के नवरंग का निर्माण करता है। जीव का अपनी माता की कोख से जन्म लेने के उपरांत पंचमहाभूतों के यथार्थ में सामने तक का सफर ही जीवन के नवरंग है। शारदीय नवरात्र की अष्टमी-नवमी तिथि को कुछ ज्यादा ही खास माना जाता है। अष्टमी पर देवी महागौरी का और नवमी पर देवी सिद्धिदात्री का पूजन होता है। इन दो दिनों में कुछ खास उपाय करने से मिलेगा हर समस्या से छुटकारा।

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अष्टमी-नवमी की रात 12 बजे के बाद घर के मैन गेट पर मौली की बत्ती बनाकर शुद्ध घी का दीप प्रज्जवलित करें। इस उपाय से अभाग्य घर के भाग्य भी खुल जाएंगे।

नवदुर्गा की कृपा के लिए घर में श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करें, हो सके तो किसी योग्य पंडित से करवाएं। 

9 वर्ष से छोटी 9 कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं और उपहार दें। महालक्ष्मी प्रसन्न होंगी।

PunjabKesari Navratri मां के किसी भी शक्तिपीठ में फलों का भोग लगाकर गरीबों में बांट दें। जीवन के सभी संताप नष्ट होंगे।

सुहाग की लंबी उम्र के लिए श्रृृंगार का सामान देवी मंदिर में चढ़ाएं। 

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इन दो दिनों में कंजक पूजन का भी महात्म्य है। ग्रंथों के अनुसार कन्या पूजन से भगवती प्रसन्न होती हैं। जहां पर कुंवारी कन्या का पूजन होता है वहीं मां भगवती का निवास होता है। कुंवारी कन्या पूजन से मनुष्य को लक्ष्मी, सम्मान, पृथ्वी, विद्या और महान तेज प्राप्त होता है और रोग, दुष्ट ग्रह, भय, शत्रु, विघ्न शांत होकर दूर हो जाते हैं। नवरात्रि के नौ वारों में कुंवारी कन्याओं के पूजन से शुभ फल प्राप्त होता है, दुख दरिद्रता का नाश होता है। शत्रुओं का क्षय, धन, आयु, बल  वृद्धि होती है। धन-धान्य का आगमन, पुत्र-पौत्र की वृद्धि होती है।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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